Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी और पंजाब (Punjab) की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकारों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली अन्य राज्यों में पराली जलाने से आने वाले धुएं को रोकने के लिए कुछ खास नहीं कर सकती. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘हमारी टूटीफूटी सड़कों से, फुटपाथों और निर्माण स्थलों से उठने वाले धूल कणों’ को कमकर और वाहन से निकलने वाले घुएं पर अंकुश लगाकर यह समस्या कम की जा सकती है.


सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी अन्य राज्यों में पराली जलाने से निकलने वाले धुंए को रोकने के लिए कुछ खास नहीं कर सकती है. लेकिन. ‘‘दूसरों पर ठीकरा फोड़कर सालों की भारी निष्क्रियता पर पर्दा नहीं डाला जाना चाहिए.’’ उन्होंने पंजाब सरकार पर ‘दायित्व से पल्ला झाड़’ लेने का आरोप भी लगाया.


हम सिर्फ रहम की दरख्वास्त करने वाले हैं- एलजी


एलजी ने कहा, ‘‘ जिन राज्यों में पराली जलायी जाती है, उनसे मिन्नत करने के सिवा हम इससे (पराली जलाने से) उठने वाले धुंए को रोकने कुछ खास नहीं कर सकते. उसके बाद भी राज्य खासकर पंजाब अपने दायित्व से पल्ला झाड़ रहे हैं. लेकिन, हम केवल रहम की दरख्वास्त करने वाले हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई फिर 400 के आसपास है और राष्ट्रीय ‘राजधानी’ का दम फूल रहा है.’’


बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों के बीच रही, क्योंकि प्रतिकूल मौसम स्थिति ने प्रदूषकों को तितर-बितर नहीं होने दिया. उपराज्यपाल ने कहा कि आतिशबाजी ने निश्चित ही यह समस्या बढ़ायी है और इस ‘गैस चैंबर’ में सबसे अधिक प्रभावित वे लोग हैं जो अपनी रोजी-रोट के लिए सड़कों से गुजरते हैं.


'गरीब-असहाय लोगों के फेफड़े प्रभावित हो रहे'


उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे गरीब और असहाय लोगों के फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने घरों में बैठे नहीं रह सकते और एयर प्यूरीफायर भी नहीं खरीद सकते. दिल्ली में वायु प्रदषण का असल समाधान दिल्ली में है. हम अपनी टूटीफूटी सड़कों से, फुटपाथों एवं निर्माण स्थलों से उठने वाले धूल कणों को घटाकर इस स्थिति को कुछ हद तक कम कर सकते हैं. हम वाहन से निकलने वाले धुंए पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी तरीके अपना सकते हैं.’’


सक्सेना ने कहा, ‘‘2016 के घातक कोहरे के बाद से यह बार बार उठने वाला मुद्दा बन गया है, जिसपर कुछ नहीं किया जाता है, बल्कि केवल बातें की जाती हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ स्मॉग टॉवर जैसे कदमों को लेकर होने वाले प्रचार प्रसार का कोई खास मतलब नहीं होता तथा ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ और ‘सम-विषम’ जैसे बहु प्रचारित गतिविधियों को लेकर की जाने वाली प्रचार की राजनीति से दिल्ली के लोगों की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती.’’


'दिल्ली को दिखावे की नहीं कार्रवाई की जरूरत'


एलजी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में वाहनों में सीएनजी का उपयोग शुरू किये जाने और फ्लाईओवरों के निर्माण के बाद से कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘ दिल्ली को दिखावे की नहीं बल्कि कार्रवाई की जरूरत है. हम निर्धारित समयसीमा में संपोषणीय लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. लेकिन हम करें तो सही. राजनीति इंतजार कर सकती है.’’दिल्ली सरकार की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.


अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना में बताये गये कदमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर बृहस्पतिवार को संबंधित विभागों के साथ बैठक करेंगे.राय ने पहले वायु प्रदूषण योजना के क्रियान्वयन में अनदेखी को लेकर संबंधित विभागों को फटकार लगायी थी. उन्होंने उनसे वायु प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार टीमों की निगरानी के लिए प्रणाली स्थापित करने की अपील की थी.


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