Delhi Air Pollution: कम बारिश के बावजूद फायदे में दिल्ली, 5 सालों में जुलाई में सबसे कम एयर पॉल्यूशन
Delhi Air Pollution: सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में इस साल जुलाई में पांच दिन एक्यूआई 'मध्यम' श्रेणी में रहा. दूसरी तरफ इस महीने में अभी तक एक भी 'खराब या बहुत खराब' श्रेणी में एक्यूआई नहीं पहुंचा है.
Delhi Air Pollution: दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर आम लोग से लेकर सरकार तक परेशान रहती है. इस बीच एक राहत की ख़बर सामने आई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद इस साल जुलाई के महीने दिल्ली में हवा सबसे साफ है. सीपीसीबी के अनुसार जुलाई 2022 में अब तक 16 दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 'संतोषजनक' श्रेणी में रहे हैं. इससे पहले जुलाई 2021 में 11 और जुलाई 2020 में 15 दिन एक्यूआई 'संतोषजनक' श्रेणी में दर्ज हुए थे.
वहीं इस साल जुलाई में पांच दिन एक्यूआई 'मध्यम' श्रेणी में रहा. दूसरी तरफ इस महीने में अभी तक एक भी 'खराब या बहुत खराब' श्रेणी में एक्यूआई नहीं पहुंचा है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में नियमित अंतराल पर हुई हल्की बारिश की वजह से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी नहीं हुई है. हालांकि, दिल्ली की वायु गुणवत्ता आम तौर पर मानसून के दौरान साफ रहती है, लेकिन इस साल जुलाई के महीने में पिछले 5 सालों की तुलना में सबसे बेहतर रहा है.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले रविवार को इस महीने का सबसे कम एक्यूआई मध्यम श्रेणी में 61 दर्ज हुआ था. वहीं गुरुवार को दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई 70 रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा दिल्ली के बेस स्टेशन सफदरजंग में जुलाई में अब तक 221.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है. हालांकि, कुछ स्टेशनों पर रुक-रुक कर बारिश रिकॉर्ड की, जिससे प्रदूषण में कमी आई है. दिल्ली के कुछ हिस्सों में जुलाई में दो बार भारी बारिश हुई. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि इस साल भीषण गर्मी की वजह से वायु प्रदूषण में धूल की मात्रा ज्यादा थी. इस बीच जुलाई में हुई बारिश ने हवा को साफ कर दिया है.
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सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने बताया कि मौसम विज्ञान परिवेशी वायु गुणवत्ता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वायुमंडल की सीमा परत जितनी ऊंची होती है, प्रदूषकों का वर्टिकल फैलाव उतना ही अधिक होता है, जबकि हवा की गति अधिक होने से हॉरिजॉन्टल फैलाव अधिक होता है. रुक-रुक कर होने वाली बारिश ऊपरी मिट्टी को गीला रखती है, धूल के गठन को नियंत्रित करती है और हरी घास विकसित करने में मदद करती है. ऐसे में बारिश के अलावा कुछ दूसरे मौसम संबंधी कारकों ने इस जुलाई में हवा की गुणवत्ता को साफ रखने में मदद की है.
आपको बता दें कि एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
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