(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Pollution: कांग्रेस की 'शैडो कैबिनेट' ने प्रदूषण पर जारी किया श्वेत-पत्र, केजरीवाल सरकार को दिए ये सुझाव
Delhi Air Pollution Today: अरविंदर सिंह लवली के नेतृत्व में दिल्ली में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्रियों की एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर चर्चा की गई है.
Delhi Congress White Letter: राजधानी दिल्ली में अनियंत्रित प्रदूषण (Pollution) केजरीवाल सरकार के लिए एक बड़ी मुश्किल बनती जा रही है. इसे लेकर जहां बीजेपी (BJP) ने आप और सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है, तो वहीं कांग्रेस ने इस मामले में एक कदम आगे बढ़ते हुए आप और बीजेपी को भी निशाने पर ले रखा है. बेलगाम हो चुके प्रदूषण को लेकर अरविंदर सिंह लवली के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्रियों की एक शैडो कैबिनेट ने एक श्वेत-पत्र (White Paper) जारी किया, जिसमें प्रदूषण से निपटने के उपायों को भी सुझाया गया है.
लवली ने दिल्ली में विकराल हो रहे प्रदूषण की स्थिति के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को ही जिम्मेदार ठहराया. सम्मेलन में लवली के अलावा पूर्व मंत्री हारुन युसूफ, राजकुमार चौहान, मंगतराम सिंघल और कृष्णा तीरथ भी मौजूद थे. लवली ने प्रदूषण पर श्वेत-पत्र जारी करते हुए, उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से वायु प्रदूषण पर चर्चा के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की और कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया जाए जिसमें पर्यावरण एक्पर्ट भी शामिल हो. जो नवंबर महीने से प्रदूषण बढ़ने के कारणों और उससे होने वाले नुकसान पर नजर रखे.
'दिल्ली को 20 हजार बसों की जरूरत'
लवली ने कहा कि राजधानी में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है, जिसके लिए 20 हजार बसों की जरूरत है. जिससे लोग स्कूटर और मोटर साइकल का कम से कम प्रयोग करें. वहीं उन्होंने वेस्ट मेनेजमेंट को लेकर पर्याप्त योजनाएं बना कर काम किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में कम्पलीट सीवर सिस्टम बनाना चाहिए, बीआरटी सिस्टम, साईकिल ट्रेक और इन्फ्रास्टक्चर सुधारने के लिए फुटपाथ बनाए जाने की जरूरत है. जबकि मेट्रो परियोजनाओं में हो रहे विलंब को देखते हुए उन्होंने मेट्रो एक्सटेंशन का काम केंद्रीय गृह मंत्री की देखरेख में कराए जाने की मांग की.
कांग्रेस ने याद दिलाई शीला सरकार की उपब्धियां
लवली ने शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने जनता से जुड़ी हर समस्या के समाधान के लिए काम किया, जो हमेशा ही शीला सरकार की प्राथमिकता थी. उन्होंने कहा कि 2003 के चुनाव में दिल्ली की बिजली समस्याओं को दूर करना, मेट्रो लाना, फ्लाई ओवरों का जाल बिछाना और दिल्ली को विश्व की क्लीन सिटी बनाने के नाम पर दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को जिताया था. जिसे सफलतापूर्वक धरातल पर अंजाम देने के कारण विश्व की सबसे ग्रीन सिटी का अवार्ड भी कांग्रेस की दिल्ली सरकार को मिला था.
बीजेपी शासित निगम पर भी लवली ने किया हमला
लवली ने कहा कि हमारे कार्यकाल में रिज़ क्षेत्र की बाउंड्री वॉल बनाई गई थी और ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ाने पर काम किया गया और पेड़ लगाने का अभियान निरंतर चलाया जाता था. वहीं आज ध्वस्त परिवहन व्यवस्था, प्रदूषण, खस्ता हाल सड़के, कूड़ा कचरा ग्रस्त गलियां, भरी नालियां और ओवर फ्लो सीवर, सीवेज प्लांटों की कमी, ध्वस्त सीवर सिस्टम, लैंड फिल साईटों पर कूड़े के पहाड़ बनना आदि कुछ ऐसी जटिल समस्याएं हैं जिससे दिल्ली की जनता परेशान है और इन पर नियंत्रण करने में दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम पूरी तरह विफल साबित हो रहा है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी को भी जम कर आड़े-हाथों लिया और कहा कि निगम में 15 वर्ष का बीजेपी शासन भ्रष्टाचार से परिपूर्ण था जिसमें पर्यावरण दुरस्त करने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई काम नहीं किया और उसके बाद आप शासित निगम में भी वही स्थिति बनी हुई है.
'बच्चों को हो रही सांस की बीमारी'
लवली ने कहा कि शीला जी पर्यावरण के प्रति इतनी संवेदनशील थी कि उन्होंने 12-13 साल पर्यावरण विभाग अपने पास ही रखा. वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण से न केवल लोगों की 10-12 वर्ष आयु कम हो रही है बल्कि प्रतिवर्ष 10 हजार बच्चे दुनिया में आने से पहले ही कोख में दम तोड़ रहे हैं और 5-11 वर्ष के बच्चे सांस और फेंफड़ों की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं जबकि 14000 बच्चे प्रतिवर्ष सांस और अन्य बीमारियों से मर रहे हैं.
'पुरानी बसें प्रदूषण में दे रही योगदान'
कांग्रेस नेता लवली ने डीटीसी बसों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली को आज 20 हजार बसों की जरूरत है, जबकि आज दिल्ली के पास महज 5 हजार बसें ही हैं, जिनमें से आधी से अधिक की लाइफ पूरी हो चुकी है, मतलब जो बसे चल रही हैं वो भी प्रदूषण फैला रही हैं. जबकि कांग्रेस सरकार ने दिल्ली के परिवहन सिस्टम में एक साथ सभी बसों को सीएनजी बसों में तबदील करके प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाया था.
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