Delhi News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को दिल्ली वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) और स्मॉग टावर (Smog Tower) को लेकर मंगलवार को सख्त टिप्पणी की थी. इस मसले को लेकर बुधवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि इस बारे में एलजी विनय कुमार सक्सेना को एक चिट्ठी लिखी थी.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नया कानून लागू करने के बाद से राजधानी की शासनिक और प्रशासनिक स्थिति बदल गई है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने स्मॉग टॉवर और रियल टाइम प्रदूषण की जानकारी हासिल करने के लिए जरूरी अध्ययन के संबंध में दिल्ली के एलजी को पत्र लिखा था. फिर, स्मॉग टॉवर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाया गया था. शीर्ष अदालत के आदेश पर ही दिल्ली सरकार ने करीब 23 करोड़ रुपये खर्च कर कनाट प्लेस में स्मॉग टावर का निर्माण कराया था.
आईआईटी की एक टीम स्मॉग टावर के जरिए रियल टाइम स्टडी भी कर रही थी. स्टडी की वजह से मौसम के पूर्वानुमानों को लेकर जानकारियां भी मिल रही थीं, लेकिन डीपीसीसी के अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी अश्वनी कुमारी ने अध्ययन पर रोक लगा दी. उन्होंने दो करोड़ रुपये का स्वीकृति ग्रांट जारी करने से इनकार कर दिया.
SC के आदेशों का करेंगे पालन
दिल्ली वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बयान आने के बाद गोपाल राय ने मंगलवार को कहा था कि हम अदालत के आदेश का पालन करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आब्जर्वेशन के आधार पर नये सिरे से सम और विषम योजना तैयार करेंगे. पराली के मसले पर पंजाब सरकार के रुख को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का आज जो कमेंट था, वो हमारी सरकार को लेकर है या किसी और सरकार के लिए है, का भी आकलन करेंगे. छह नवंबर को दिल्ली सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से उत्पन्न गंभीर संकट को ध्यान में रखते हुए 13 से 20 नवंबर तक ऑड ईवन योजना पर अमल करने का एलान किया था.