Delhi Pollution News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित आसपास के शहरों में सर्दियों के संकेत मिलते ही दमघोंटू प्रदूषण (Delhi Pollution) की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स (NAQI) के मुताबिक राजधानी के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब स्थिति तक पहुंच गया है. स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रैप-2 लागू कर दिया है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने ग्रैप-2 (GRAP 2) को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत लागू किया है. 


सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने भी साफ कर दिया है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है. भारत मौसम विभाग के मुताबिक 26 अक्टूबर तक मौसम में सुधार की संभावना कम है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने ग्रैप-2 जैसे सख्त प्रावधान लागू किया है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि सीएमक्यूएम के ग्रैप प्लान के तहत ऐसा करने पर दिल्ली सरकार क्या करती है. 


दिल्ली सरकार ग्रैप-2 लागू होने के बाद इन पाबंदियों पर करती है अमल: 



  • दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए गठित टीमों द्वारा सी एंड डी साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया जाता है. संपूर्ण दिल्ली में जारी कंस्ट्रक्शन कार्यो का जायजा लेने का काम तेज कर दिया जाता है.

  • प्रदूषण नियंत्रण टीम द्वारा चिन्हित सड़कों की दैनिक आधार पर मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव कराया जाता है.

  • दिल्ली ट्रैफिक नियमों का संचालन प्रदूषण की स्थितियों को ध्यान में रखकर किया जाता है. चौराहों पर पर्याप्त ट्रैफिक कर्मियों को तैनात करने के साथ ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं. 

  • दिल्ली के लोगों को वायु प्रदूषण के स्तर और प्रदूषणकारी गतिविधियों को कम करने के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में सलाह देने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों के जरिए जागरूक किया जाता है. समाचार पत्रों, टीवी, रेडियो में अलर्ट भी जारी किया जाता है.

  • दिल्ली में निजी वाहनों को सीमित करने पर जोर दिया जाता है. इसके लिए पार्किंग शुल्क को बढ़ाकर ज्यादा कर दिया जाता है. 

  • इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अतिरिक्त बेड़ों का सुजन कर सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने पर जोर दिया जाता है.

  • प्रदूषण से संबंधित हॉटस्पॉट, भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क की धूल को रोकने के लिए और निर्दिष्ट स्थलों पर एकत्रित धूल के उचित निपटान के लिए सड़कों पर धूल अवरोधकों के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव भी किया जाता है. 

  • दिल्ली एनसीआर में सभी चिन्हित हॉटस्पॉट में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं.

  • वैकल्पिक बिजली उत्पादन सेट जैसे डीजी सेट आदि के उपयोग कम करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया जाता है. 

  • दिल्ली एनसीआर में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और कार्यालयों आदि सहित सभी क्षेत्रों में डीजी सेट के विनियमित संचालन के लिए कार्यक्रम को सख्ती से लागू करने पर जोर. 

  • आरडब्लूए को सुरक्षा के लिाज से जरूरी इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएं जाते हैं. 


ग्रैप-2: कब और क्यों?


दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 के बीच पहुंच जाती है तो ग्रैप-2 लागू किया जाता है. ग्रैप-2 लागू होने पर डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है. इसका मकसद प्रदूषण को नियंत्रित करना होता है. गाड़ियों की पार्किंग में फीस बढ़ोतरी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो सर्विस ​फ्रीक्वेंसी में इजाफे के साथ सांस और दिल के मरीजों को घर न निकलने की सलाह दी जाती है.


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