दिवाली के मौके पर दिल्ली में शराब की बिक्री ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. दिल्ली सरकार को इस दौरान शराब की बिक्री से 448 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जो पिछले दो सालों के मुकाबले काफी ज्यादा है.


दिवाली से पहले के महज 15 दिनों में दिल्ली सरकार की ओर से चल रही 680 दुकानों से 3.9 करोड़ शराब की बोतलें बिकीं, जो 2022 में बिकी 1.9 करोड़ बोतलों और 2023 में बिकी 2.7 करोड़ बोतलों से काफी अधिक है. शराब बिक्री के इन आंकड़ों में व्हिस्की, रम, वोदका और जिन के साथ ही बीयर, वाइन एवं अन्य शामिल हैं.


शराब कारोबार के जानकारों का कहना है कि दशहरा के बाद से शराब की मांग बढ़ने लगती है और दिवाली से दो दिन पहले यह अपने पीक पर पहुंच जाती है. इस साल 29 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 35 लाख बोतलें बिकीं, जबकि 30 अक्टूबर को यह आंकड़ा 34 लाख रह गया


दिवाली के दिन शराब की दुकानें बंद थीं. अधिकारियों का कहना है कि लोग दिवाली के अलावा, नए साल की पूर्व संध्या और होली से पहले के हफ्तों में भी उपहार में देने या फिर स्टॉक करने के लिए शराब खरीदते हैं.


बिक्री बढ़ने से आबकारी विभाग को हुआ फायदा
त्योहारी सीजन में शराब की बिक्री बढ़ने से आबकारी विभाग को फायदा हुआ है. सितंबर में एक्साइज सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (ESCIMS) पोर्टल में आई तकनीकी खराबी के कारण दुकानों, होटलों और बार में शराब की कमी हो गई थी, जिससे विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. अक्टूबर में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की ओर से प्रबंधित एक नए पोर्टल के लॉन्च होने के बाद स्थिति में सुधार हुआ. इससे शराब की दुकानों, होटलों और बार को फिर से स्टॉक करने में आसानी हुई.


सरकार के राजस्व में हुआ इजाफा
अधिकारियों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक्साइज ड्यूटी और वैल्यू एडेड टैक्स से सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है. दिल्ली सरकार ने अपने 2024-25 के बजट में आबकारी राजस्व 6,400 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक, सरकार ने शराब की बिक्री पर आबकारी शुल्क से 3,047 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 7 फीसदी अधिक है.


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