Delhi: बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर्स सीएम आवास के पास 18 दिनों से सड़कों पर डटीं, मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन
दिल्ली में हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के पास डेरा जमाया है. आज हड़ताल का 18वां दिन है. उन्होंने मानदेय बढ़ाने और पक्का करने की मांग की है.
Delhi Anganwadi Workers Strike: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के पास दिल्ली की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर अलग-अलग मांगों को लेकर पिछले 18 दिनों से हड़ताल पर हैं. 31 जनवरी से शुरू हुई हड़ताल का आज 18वां दिन है. हड़ताल में शामिल होनेवाली महिलाओं की संख्या भी हजारों हो गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाए जा रहे हैं. आंगनबाड़ी हेल्पर और वर्कर मानदेय बढ़ाए जाने के लिए प्रदर्शन कर रही हैं.
आंगनबाड़ी केंद्र में हेल्पर का काम करनेवाली नागलोई से आई मनीषा ने बताया कि हर महीने 4800 रुपए मानदेह के रूप में मिलते हैं. इतने कम पैसों में गुजारा कर पाना काफी मुश्किल है. मनीषा के मुताबिक किराए पर रहने की वजह से मानदेय राशि का ज्यादातर हिस्सा खर्च हो जाता है. कई वर्षों से मानदेय की राशि में इजाफा भी नहीं हुआ है.
दिल्ली में आंगनबाड़ी महिलाओं की हड़ताल जारी
हर महीने 9600 रुपये पानेवाली आंगनबाड़ी वर्कर की भी समान पीड़ा है. वर्कर की शिकायत है कि कम राशि में किसी भी महिला का गुजारा कर पाना काफी मुश्किल है. महिलाएं पूरी मेहनत और लगन के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रही हैं. कोरोना काल में भी घर घर जाकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भोजन वितरित किया. यहां तक कि कोरोना के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई भी कराई गई. वर्करों ने ऑनलाइन पढ़ाई का काम अपने फोन से किया. लेकिन पिछले कई वर्षों से ना तो मानदेय बढ़ाया गया है और ना ही पक्का किया गया है. कई बार तो हेल्पर और वर्करों का वेतन भी समय पर नहीं आता है. 2 से 3 महीने का इंतजार करने के बाद भुगतान होता है.
दिहाड़ी मजदूरों को भी ज्यादा मिलता है मानदेय
दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन एंड हेल्पर यूनियन की अध्यक्ष शिवानी ने एबीपी न्यूज को बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 हजार से ज्यादा वर्कर और हेल्पर काम कर रही हैं. उनको मिलनेवाला मानदेय न्यूनतम रोजगार भत्ता के अंतर्गत भी नहीं है. दिहाड़ी मजदूरों को भी इससे ज्यादा मानदेय मिलता है. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं की देखरेख, पोषण, स्वास्थ्य के लिए काम करनेवालों को काफी कम मानदेय दिया जाता है. उन्होंने बताया कि साल 2017 में हड़ताल के बाद वर्कर और हेल्पर का मानदेय थोड़ा बढ़ा था. वर्कर का मानदेय 5,000 और हेल्पर का ढाई हजार रुपय बढ़ाया गया. अब मानदेय में इजाफे के बाद हेल्पर को 4800 और वर्कर को 9600 रुपए मिलते हैं. हमारी मांग है कि वर्कर का मानदेय कम से कम 25 हजार और हेल्पर का 20,000 होना चाहिए. महिलाओं को बढ़ती महंगाई और कोरोना के चलते आई आर्थिक समस्याओं से कुछ निजात दिलाया जाए.
यूनियन की अध्यक्ष ने कहा कि 2018, अक्टूबर में केंद्र सरकार की ओर से भी आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर के मानदेय में 1500 से 750 रुपए की बढ़ोतरी किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन करीब 4 साल बीत जाने के बाद भी लागू नहीं किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी वर्कर, हेल्पर को भी दिल्ली सरकार कर्मचारी का दर्जा दे. दिल्ली सरकार के सभी कर्मचारियों की तरह मिलनेवाली सुविधाएं भी आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर को मिले. छुट्टियां, मटरनिटी लीव, ईएसआई, पीएफ, पेंशन का लाभ मिलना चाहिए.