Delhi News: नई दिल्ली स्टेशन को विकसित करने के लिए 921 पेड़ों को हटाने को मंजूरी, 6500 करोड़ की लागत से शुरू होगा काम
New Delhi Railway Station: नई दिल्ली स्टेशन को विकसित करने के लिए 921 पेड़ों को हटाने की मंजूरी फारेस्ट डिपार्टमेंट की तरफ से मिल गई, पहले चरण में 85 एकड़ में 6500 करोड़ की लागत से काम शुरू होगा.
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Redevelopment Plan of New Delhi Railway Station: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) के पुनर्विकास परियोजना (Redevelopment Project) के विस्तार के लिए, राज्य के फारेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट (Forest and Wildlife Department) की तरफ से परियोजना स्थल पर मौजूद कुल 2980 पेड़ों में से 921 को हटाने की मंजूर मिल गई है. इस मामले में वन अधिकारियों ने बताया कि, "परियोजना स्थल से सिर्फ 36 पेड़ों को ही काटा जायेगा, जबकि बाकी बचे 885 पेड़ों को कहीं और लगाया जायेगा. शेष 2059 पेड़ों को एनडीएलएस (NDLS) की सुधार डिजाईन में शामिल किया जायेगा.
आरएलडीए को एक पेड़ के बदले लगाने होंगे दस पौधे
पेड़ों को हटाने को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि, रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) जो इस परियोजना पर काम कर रहा है, उसको 9210 पेड़ों को पूरे दिल्ली में लगाना होगा (यानि हर पेड़ के बदले दस पेड़ लगाना होगा). सेंट्रल डिवीज़न के एक सीनियर फारेस्ट ऑफिसर, जिनके अधिकार क्षेत्र में यह परियोजना आती है, उन्होंने कहा दिसंबर में आरएलडीए ने एक प्रस्तवा भेजा था. आरएलडीए के भेजे इस प्रस्ताव के आधार पर मौके का निरिक्षण किया गया और काटे जाने वाले 36 पेड़ों की पहचान कर ली गई है.
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"डीम्ड फॉरेस्ट" के तहत पेड़ों को हटाने के लिए अभी और इजाजत को हो सकती है जरुरत
दिल्ली में पेड़ों को हटाने के संबंध में एक अधिकारी ने बताया, वन विभाग 1996 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर, दिल्ली के किसी भी क्षेत्र को "डीम्ड फ़ॉरेस्ट" मानता है, यदि उसमें प्रति हेक्टेयर 250 से अधिक पेड़ हैं. वहीं इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, "परियोजना के लिए अनुमति दिल्ली पेड़ संरक्षण अधिनियम (Delhi Preservation of Trees Act) 1994, के तहत दी गयी.
इसमें दो से तीन महीनों की देरी हो सकती है अगर वन विभाग के सर्वेक्षण में इसे "डीम्ड फॉरेस्ट" के रूप में चिन्हित किया जाता. ऐसे में इसके लिए परियोजना को कड़े वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत और इजाजत की जरुरत होगी. यह मानदंड पूरा नहीं किया गया था, इसलिए डीपीटीए के तहत मंजूरी दी गई थी, जिससे परियोजना आगे बढ़ सके.
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वीपी दुडेजा ने कहा कि, "परियोजना शुरू करने के लिए दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन से केवल एक मंजूरी बाकी है. उन्होंने आगे कहा, "हम अब परियोजना पर काम करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, जहां हम पहले चरण के लिए मार्च के अंत तक बोलियों के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.
इन सुविधाओं से लैस होगा स्टेशन
योजन के पहले चरण में, आरएलडीए ने स्टेशन परिसर का पुनर्विकास करने, मल्टी-लेवल कार पार्किंग के साथ एक मल्टी-मोडल ट्रांजिट हब बनाने और नए स्टेशन तक जाने वाली सड़क के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना है. परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि, "इसे विश्व स्तरीय मानकों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा, जिसमें गुंबद के आकार का टर्मिनल भवन और आने जाने के लिए अलग रास्ते बनाये जायेंगे.
स्टेशन के चारों 40-मंजिल-ऊंचे ट्विन टावर होंगे, जहां रिटेल और ऑफिस स्पेस के लिए भी जगह का इंतेजाम होगा. इसके आलावा शॉपिंग आउटलेट्स के साथ एक पैदल यात्री बुलेवार्ड भी विकसित किये जाने की योजना है. अधिकारियों ने कहा कि, 160 एकड़ में जहां नए विकास का प्रस्ताव दिया गया है, पहले चरण में लगभग 85 एकड़ में 6,500 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू किया जाएगा.
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