Delhi Air Quality: गैस चेंबर में तब्दील हुई राजधानी, हवा में घुल रहा जहर, जहांगीरपुरी में एक्यूआई पहुंचा 491
Delhi Air Quality Index: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. लोधी रोड इलाके में AQI 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 है.
Delhi AQI Today: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की आबो-हवा जहरीली हो गई है. प्रदेश के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. गुरुवार को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 392 यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा और यहां दिनभर धुंध छाई रही. वहीं शुक्रवार को भी दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में है. शुक्रवार को ओवर ऑल दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 दर्ज किया गया. सफर एप के मुताबिक लगातार छठवें दिन दिल्ली की हवा बेहद खराब स्थिति में है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. लोधी रोड इलाके में AQI 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और IGI एयरपोर्ट (टी 3) के आसपास 473 है. वहीं राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब रहने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के मनोवैज्ञानिक पहलू की जांच करने की जरूरत है और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक से जवाब मांगा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2023
लोधी रोड इलाके में AQI 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और IGI एयरपोर्ट (टी 3) के आसपास 473 है। pic.twitter.com/KGbVBr8s8y
एनजीटी पीठ ने क्या कहा
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि मानव शरीर के विभिन्न अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क और भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को प्रभावित करने वाले वायु प्रदूषकों के प्रतिकूल प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपायों की जरूरत है. न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की एनजीटी पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरण ने पहले 20 अक्टूबर की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया था. हालांकि, इसने बताया कि संबंधित विशिष्ट मुद्दा मस्तिष्क सहित शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव की अलग से जांच करने की जरूत है.
एनजीटी के समक्ष जवाब दाखिल करना होगा
एनजीटी ने वायु प्रदूषण का कारण बनने वाले विभिन्न रासायनिक और भौतिक घटकों और मानव शरीर के विभिन्न अंगों पर उनके प्रतिकूल प्रभावों के व्यापक मुद्दे को भी मान्यता दी. इसने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, एम्स और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग सहित कई सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया. इन अधिकारियों को 11 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले एनजीटी के समक्ष जवाब दाखिल करना होगा.
बता दें एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.