दिल्ली (Delhi)  में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) को ना सिर्फ बेहतर करने बल्कि उन्हें इंटरनेशनल लेवल तक विकसित करने की कोशिश का दावा आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से किया जा रहा है. मोहल्ला क्लीनिक को अरविंद केजरीवाल की सरकार 'मॉडल' की तरह पेश करती है. इसी को लेकर दिल्ली सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में अपनी दिल्ली आरोग्य कोष योजना के तहत 4.27 लाख से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर 168.43 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसकी जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी है.


पांच साल में सरकार ने खर्च किए 4.27 लाख रुपए


वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अधिक से अधिक लोगों को इस सरकारी योजना का समय पर लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया.उन्होंने कहा कि साल 2017 से मार्च 2022 के बीच 4.27 लाख से ज्यादा मरीजों ने योजना का लाभ लिया है और इसके लिए सरकार की ओर से अब तक 168.43 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि, दिल्ली आरोग्य कोष के तहत चार योजनाएं हैं जिनमें मेडिकल ट्रांसप्लांट के लिए सरकार से वित्तीय सहायता, विभिन्न प्रकार की सर्जरी, 136 प्रकार के चिकित्सा परीक्षण और दुर्घटना पीड़ितों के इलाज के लिए फरिश्ते योजना शामिल हैं.


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पांच साल में कितने लोगों ने उठाया लाभ ?


मनीष सिसोदिया ने कहा कि, इस योजना के तहत दिल्ली का हर नागरिक जिसके पास दिल्ली का वोटर कार्ड है, इलाज करा सकता है. 19 साल से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के वोटर कार्ड के आधार पर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. पैनल में शामिल सभी अस्पतालों में उन्हें कैशलेस चेक-अप और इलाज मुहैया कराया जाएगा और इसका खर्चा पूरा सरकार उठाएगी. साथ ही ये भी बता दें कि इस योजना में शामिल एक योजना के तहत, शहर सरकार रोगियों को 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है. पिछले पांच सालों में 5,028 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिसके लिए सरकार ने 47.61 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.


11,669 लोगों ने कराई फ्री सर्जरी


वहीं योजना के तहत अगर कोई मरीज इलाज के लिए दिल्ली के सरकारी अस्पताल में जाता है और उसकी सर्जरी करनी पड़ती है, लेकिन इसके लिए 30 दिनों का वेटिंग टाइम है तो वो प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त सर्जरी का लाभ उठा सकते हैं. शहर सरकार की इस योजना के तहत पिछले पांच साल में 11,669 लोगों ने मुफ्त और कैशलेस सर्जरी का लाभ उठाया है और इसके लिए सरकार ने 24.37 करोड़ रुपये दिए हैं.


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