Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से कहा है कि उन्हें कोविड-19 से मौत के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा से पीछे नहीं हटना चाहिए और महामारी से जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने के मुद्दे पर निर्णय करना चाहिए. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मृतक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारियों ने एक 'स्पष्ट संचार' किया था जिसकी प्रेस क्लिपिंग भी हैं, और इसे देखकर इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि दिल्ली सरकार ने मृतक के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी.


हाईकोर्ट बोला- मुआवजे के भुगतान में और देरी नहीं की जा सकती


याचिकाकर्ता के पति का पांच मई, 2020 को निधन हो गया था और उस समय वह गर्भवती थी. दिल्ली पुलिस के संबंधित युवा कांस्टेबल को कोविड-19 लॉकडाउन उपायों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दीपचंद बंधु अस्पताल में तैनात किया गया था.अदालत ने कहा कि वर्तमान मामला 'कठिन' है तथा इस पर एक सहानुभूतिपूर्ण विचार की आवश्यकता है और मुआवजे के भुगतान में और देरी नहीं की जा सकती.


कोर्ट ने दिया ये निर्देश


दिल्ली सरकार ने कहा कि मार्च 2020 के एक कैबिनेट निर्णय के अनुसार, इस संबंध में कोई निर्णय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राजस्व मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन से लिया जा सकता है और मामला उनके विचार के लिए भेजा जा सकता है. अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए की गई स्पष्ट घोषणा से पीछे नहीं हटना चाहिए. उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता को देय मुआवजे में अब और देरी नहीं की जा सकती.’’अदालत ने निर्देश दिया कि इस संबंध में अधिकारियों के फैसले को 15 जनवरी तक रिकॉर्ड में रखा जाए.


याचिकाकर्ता ने कहा कि महामारी के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेशों में दिल्ली पुलिस कर्मियों को शहर भर में कोविड-19 ड्यूटी के लिए तैनात करने की आवश्यकता थी. इसलिए प्रतिवादियों द्वारा यह तर्क नहीं दिया जा सकता कि जान गंवाने वाला कांस्टेबल कोविड-19 ड्यूटी पर नहीं था .याचिका में मृतक कांस्टेबल की पत्नी ने कहा है कि वह अपने पति की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सात मई, 2020 को एक ट्वीट में किए गए वादे के पश्चात मुआवजा हासिल करने के लिए दर-दर भटकती रही है.


दो फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई


इसमें केजरीवाल के ट्वीट का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था, ‘‘अमितजी ने अपनी जान की परवाह नहीं की और हम दिल्लीवालों की सेवा करते रहे. वह कोरोना से संक्रमित हो गए और उनका निधन हो गया. मैं सभी दिल्लीवासियों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.”महिला ने कहा है कि उसके पति पुलिस बल से पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कोविड-19 के कारण दम तोड़ दिया और वह अपने पति की मृत्यु के समय गर्भवती थी और उसके अपने दो बच्चों की देखभाल करनी है. मामले में अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी.


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