दिल्ली में मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन करने वाली 90 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिल्ली सरकार ने टर्मिनेशन नोटिस भेजा है. इन नोटिसों पर  दिल्ली राज्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ का कहना है कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय जाएंगे.


दिल्ली में पिछले दो दिनों से प्रदर्शन करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दिल्ली सरकार ने फरमान जारी कर दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार दिल्ली सरकार ने इस प्रदर्शन में सक्रियता से भाग लेने वाली  90 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को टर्मिनेशन लेटर भेज दिया है. 


वहीं इन लेटरों को लेकर दिल्ली राज्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अभी और भी नोटिस आएंगे. हालांकि हम लोग इन नोटिसों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय जाएंगे. इसके साथ ही संघ ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि पहले तो इन्होंने एस्मा (Essential Service Maintenance Act) लागू किया और अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का भी दमन कर रही है.


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रिपोर्टस के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एस्मा लागू होने के बाद भी काम पर लौट रही थीं. हालांकि इसी बीच महिला बाल विकास विभाग ने आंदोलन में भाग लेने वाली में 90 आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इतना ही नहीं जिन आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया था उनसे माफी पत्र लिखने के लिए भी महिला बाल विकास विभाग दवाब बना रहा है.


बता दें कि  31 जनवरी से अपने मानदेय में बढ़ोत्तरी को लेकर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिका प्रदर्शन कर रहीं थी. इनका कहना था कि इस मंहगाई में उन्हें एक दिहाड़ी मजदूर से भी कम मानदेय मिल रहा है, इनकी मांग थी कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय कम से कम 25 हजार और सहायिका का 20,000 होना चाहिए.