Delhi: दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा, CM केजरीवाल ने एलजी पर ऐसे बोला हमला
दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे के लिए स्थगित कर दी गई. सदन में हंगामा करने पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बीजेपी के 5 विधायकों को 1 दिन के लिए निलंबित कर दिया.
Delhi Assembly session: भारी हंगामे के बीच दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले सदन में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जमकर हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही के दौरान जहां बीजेपी के विधायक काले कपड़े पहन पहुंचे और शिक्षा व शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ी नीतियों में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कथित ‘अवैध हस्तक्षेप’ के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक आतिशी के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का विरोध करने लगे. इससे आहत विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पांच विधायकों को मंगलवार को सदन से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. गोयल के निर्देश पर मार्शल ने बीजेपी विधायक अजय महावर, जितेंद्र महाजन, ओपी शर्मा, अभय वर्मा और अनिल बाजपेयी को सदन से बाहर निकाल दिया.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एलजी पर जमकर साधा निशाना
वहीं, सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी विनय सक्सेना पर जमकर हमला बोला और उनकी तुलना अंग्रेजी शासन के वायसराय की. उन्होंने कहा कि अगर चुनी हुई सरकारों के पास कोई शक्ति ही नहीं होगी तो आजादी की लड़ाई ही क्यों लड़ी गई थी? इसलिए थोड़ी कि वायसराय (Viceroy) जाएगा और उपराज्यपाल (Lieutenant General) आ जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनतंत्र को और देश की आजादी को बचाने के लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी, हम देंगे.
एलजी पर लगाया काम में बेजां दखल देने का आरोप
उपराज्यपाल विनय सक्सेना की ओर से मुख्यमंत्री के काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मेरे शिक्षक ने आजतक मेरा होमवर्क ऐसे चेक नहीं किया, जैसे उपराज्यपाल (LG) फाइल्स लेकर बैठ जाते हैं. कभी कहते हैं कि लिखावट ठीक नहीं है तो कभी कहते हैं कि स्पेलिंग गलत है. केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूँ, ये एलजी कौन है? जो हमारे सिर पर आकर बैठ गया है. अब वो तय करेंगे कि बच्चों को कहां पढ़ाओ? केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं लेने देंगे वाली सोच अब भी बाकी है. इस पर करार वार करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी सामंतवादी सोच से देश पिछड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. यहां चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए, या किसी एक व्यक्ति विशेष की? आज उनकी सरकार केंद्र में है, हमारी राज्य में है और LG उनका है. हो सकता है कल हमारी सरकार हो केंद्र में, हमारा LG हो और यहां बीजेपी या कांग्रेस की सरकार हो. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि अगर ऐसा हुआ तो आज जैसा वो कर रहे हैं, वैसा हम नहीं करेंगे.
शिक्षकों की ट्रेनिंग रोकने पर भड़के केजरीवाल
सीएम ने सदन में कहा कि जितनी अच्छी शिक्षा मैंने अपने बच्चों को दी है. वैसी ही शिक्षा दिल्ली के बच्चों को देना चाहता हू. इसके लिए हमने हमने 1000 से ज्यादा शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा. केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने कह दिया कि शिक्षक ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड (Finland ) जाएंगे तो इसकी अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन सभी फाइल्स एसजी (LG) के पास भेजनी पड़ती है. फिर एलजी साहब पूछते हैं कि फिनलैंड (Finland) ही क्यों? इसके बाद उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी (BJP) वाले और उपराज्यपाल (LG) साहब थोड़ा पढ़ लेते तो पता चलता कि फिनलैंड इसलिए, क्योंकि डब्ल्यूईएफ (WEF)की ग्लोबल प्रतिस्पर्धी अध्ययन वहां की शिक्षा व्यवस्था को सबसे बढिया बताती है. यहां के बच्चों तक मुफ्त शिक्षा की पहुंचाने की व्यवस्था दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है. यहां की ग्रेडिंग की व्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ है. इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि इन नेताओं के बच्चे विदेश पढ़ने के लिए जाते हैं. अगर तुम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हो, तो हमें गरीबों के बच्चों को शिक्षा देने से रोकने वाले आप कौन होते हो?
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ काम करने का आरोप
सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैंने पूछा किस कानून में लिखा है कि आप लागत लाभ विश्लेषण ( Cost-Benefit Analysis ) करा सकते हैं? तो इस पर कोई जवाब नहीं था. केजरीवाल ने आगे कहा कि मैंने फिर उनसे पूछा कि एल्डरमैन कैसे नियुक्त किए? उसके जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली का मैं प्रशासक हूं. इसके जवाब में जब मैंने 2019 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाया, जहां प्रशासक लिखा है. वहां भी चुनी हुई सरकार की चलेगी. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को भी पता था कि ये एक बार में नहीं मानेंगे, तो कोर्ट ने दो-दो बार लिखा कि निर्णय लेने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर में निहित कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. इस पर एलजी ने ये कह दिया कि ये सुप्रीम कोर्ट की राय हो सकती है. इस पर केजरीवाल ने कहा कि ये सीधे-सीधे कोर्ट की अवमानना का मामला है.