Delhi News: दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने निजी स्कूलों में कक्षा 12 तक पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के सभी छात्रों को मुफ्त शिक्षा का लाभ देने की सिफारिश की है. आधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.


विधानसभा की समिति ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर शहर सरकार के शिक्षा विभाग से इसकी सिफारिश पर विचार करने और लाभ बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया. शनिवार को करोल बाग विधायक विशेष रवि की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई.


फिलहाल लाभ केवल कक्षा आठ तक
एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान चर्चा की गई कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम वर्तमान में छह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है, लेकिन लाभ केवल कक्षा आठ तक प्रदान किए जाते हैं.


इसमें कहा गया है, “इसके कारण दिल्ली में कई ईडब्ल्यूएस/वंचित समूह (डीजी) के छात्रों को कक्षा आठ से आगे की फीस का भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और कुछ के पढ़ाई छोड़ने का भी खतरा है.”


बयान में कहा गया है, “अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कल्याण संबंधी समिति ने इस प्रकार सिफारिश की है कि दिल्ली के शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों में कक्षा 12 तक पढ़ने वाले सभी ईडब्ल्यूएस/डीजी (वंचित वर्ग) के छात्रों को मुफ्त शिक्षा का लाभ देना चाहिए.”


विशेष रवि ने किया ट्वीट
इस बाबत एक ट्वीट में विशेष रवि ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के नियमों में EWS कैटेगरी के तहत जिन बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में होता है उन्हें 9वीं कक्षा से स्कूल फीस देनी पड़ती हैं.



मां - बाप फीस नहीं भर पाते ऐसे में बहुत सारे बच्चे ड्रॉप आउट हो जाते है या स्कूल बदलते हैं जिससे उनकी पढ़ाई का भारी नुक़सान होता है. उन्होंने कहा कि SC/ST वेलफेयर कमेटी की 11वीं बैठक को चेयर किया , जिसमें सेक्रेटरी शिक्षा विभाग से राइट टू एजुकेशन के नियमों में संशोधन की मांग की और पेरेंट्स को राहत पहुंचाने की अपील की.