Muslim Voters Percentage In Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं द्वारा पूरी ताकत झोंकने से इस बार कई सीटों पर इलेक्शन त्रिकोणीय होने के आसार हैं. कांग्रेस की सक्रियता ने मुस्लिम बहुल मतदाताओं वाली विधानसभा सीटों पर ​विशेष समुदाय के लोगों को भी ऊहापोह की स्थिति डाल दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी को हराने के लिए मुस्मिल मतदाता आप और कांग्रेस में से किसी एक के पक्ष में मतदान करेंगे. 


यही वजह है कि मुस्लिम बहुत वोटर्स वाली विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता दोनों पार्टियों के सियासी भविष्य के लिहाज से काफी अहम हो गए हैं. टीओआई से बातचीत में सीलमपुर मार्केट के मोहम्मद सलीम ने कहा कि वह अल्पसंख्यक मतदाता होने के नाते 5 फरवरी को बीजेपी को रोकने के लिए आप (AAP) या कांग्रेस (Congress) में से किसी एक को चुनेंगे. 


वहीं, हिंदू कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर चंद्रचूड़ सिंह का कहना है कि यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देंगे. यदि आज चुनाव होते हैं तो आप के पक्ष में अधिकांश मुस्लिम मतदाता वोट कर सकते हैं. आने वाले दिनों यह मसला बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस अपने अभियान, घोषणा पत्र और उम्मीदवारों को किस रणनीति के तहत और किस रूप में मतदाताओं के सामने पेश करेगी. 


दरअसल, दिल्ली की 70 सीटों में से 6 सीटें मुस्लिम बहुल हैं और छह सीटों पर मुस्लिमों मतदाताओं की आबादी चुनाव परिणामों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. इन छह सीटों पर मुस्लिम मतदाता 20 से 25 प्रतिशत हैं. जबकि साल 2011 जनगणना के अनुसार दिल्ली की कुल आबादी में मुस्लिमों की संख्या 12.9 प्रतिशत है. यानि दिल्ली में मुस्लिमों की आबादी 21.6 लाख है. 


मुस्लिम आबादी वाले इलाकों की समस्याएं 


दिल्ली की 70 सीटों में से मुस्लिम प्रभाव वाले एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की समस्याएं लगभग एक समान हैं. मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों के वोटर्स समान रूप से सीवेज वाटर ओवरफ्लो, जर्जर सड़कें, दिल्ली दंगा 2020, ट्रैफिक जाम, वाटर क्राइसिस, गारबेज डंपिंग व अन्य प्रमुख समस्याएं हैं.


सबसे अधिक मुस्लिम मतदाताओं वाली विधानसभा 


दिल्ली की 6 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर मुस्लिम मतदाता ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इनमें सीलमपुर में मतदाताओं की संख्या कुल आबादी में 50 प्रतिशत, मटिया महल में 48 प्रतिशत, ओखला में 43 प्रतिशत, बल्लीमारान में 38 प्रतिशत, मुस्तफाबाद में 36 प्रतिशत और बाबारपुर में 35 प्रतिशत है. 


इसके अलावा सीमापुरी में मुस्लिम वोटर्स की औसत संख्या 25 प्रतिशत, गांधी नगर में 22 प्रतिशत, चांदनी चौक में 20 प्रतिशत, सदर बाजार में  20 प्रतिशत, विकासपुरी में 20 प्रतिशत और करावल नगर में 20 प्रतिशत है. इन सीटों पर मुस्लिम समुदाय के लोग जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं. 


 विधानसभा चुनाव 2020 में किसे मिले कितने वोट? 



  • सीलमपुर में आप प्रत्याशी अब्दुल रहमान को 72,694 मत मिले, जो डाले ए कुल मतों में 56  प्रतिशत से ज्यादा है. बीजेपी प्रत्याशी कौशल कुमार मिश्रा को 35,774 मत यानी 27.56 फीसदी वोटर्स का समर्थन मिला. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी मतीन अहमद को 15.41 प्रतिशत (20,247 मतदाताओं)  ने वो​ट किया.

  • बल्लीमारान विधानसभा सीट पर आप नेता और कैबिनेट मंत्री इमरन हुसैन 65,644 (44.65 फीसदी)  मतदाताओं का समर्थन मिला. बीजेपी प्रत्याशी लता को 29,472 यानी 21 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला. कांग्रेस के हारून युसूफ को 4,802 ( 4.77 प्रतिशत) वोटर्स ने साथ दिया.

  • बारपुर सीट की बात करें तो दिल्ली आप प्रभारी और मंत्री गोपाल राय को 84,776 (69 प्रतिशत से ज्यादा) मत मिले. बीजेपी के नरेश गौड़ को 51, 714 यानि 16.21 प्रतिशत तो कांग्रेस की अनविक्षा जैन को 5,131 (3.59 प्रतिशत) मत मिले.

  • मुस्तफाबाद सीट पर आप के हाजी युनूस को 98,850 (52.2 प्रतिशत) वोटर्स ने पक्ष में मतदान किया. बीजेपी प्रत्याशी जगदीश प्रधान को 42 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स का साथ मिला. जबकि कांग्रेस के अली मेहदी को  5,363 (2.29 प्रतिशत) मत मिले.

  • ओखला विधानसभा क्षेत्र में अमानतुल्ला खान को 1,30,367 (64 से ज्यादा) मतदाताओं का साथ मिला था. बीजेपी क ब्रह्म सिंह को 58,540 (29.65 प्रतिशत) वोटर्स का साथ मिला. कांग्रेस के परवेज हाशमी को 5,123 (2.59 प्रतिशत) मतदाताओं ने समर्थन दिया था. 

  • मटिया महल सीट पर आप प्रत्याशी शोएब इकबाल को 67,282 (71 प्रतिशत से ज्यादा)  लोगों ने  साथ दिया. बीजेपी प्रत्याशी रविंदर गुप्ता के पक्ष में 18,041 (15.94 प्रतिशत) वोटर्स ने मतदान किया था. कांग्रेस के जावेद अली मिर्जा के समर्थन में 3,409 (करीब 5 प्रतिशत) मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया था.


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