Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. आम आदमी पार्टी और बीजेपी में सीधी टक्कर है. चुनाव से पहले वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के मुद्दे पर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के मसले की एंट्री हो गई और बात पूर्वांचलियों तक जा पहुंची है.
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा जब दिल्ली के वोटर लिस्ट से कुछ मतदाताओं के नाम कटने पर जवाब दे रहे थे तो बात रोहिंग्या और बांग्लादेशियों तक जा पहुंची. जे पी नड्डा ने जब दिल्ली की सरकार पर प्रहार किया तो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को पूर्वांचलियों से जोड़कर पलटवार किया.
संजय सिंह ने रोहिंग्या के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा
संजय सिंह ने राम सिंह समेत कई वोटर्स के नाम पढ़े और बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा, ''पूर्वांचली भाइयों को रोहिंग्या-बांग्लादेशी कहने की इनकी हिम्मत कैसे हुई. हमारे पूर्वांचली भाई मेहनत कर पसीना बहाते हैं. पूर्वांचल के लोग इनकी जमानतें जब्त कराएंगे. ये चुनाव घोटाला करके जीतना चाहते हैं लेकिन दिल्ली में ये चाल नहीं चलेगी.''
संजय सिंह के आरोपों पर जेपी नड्डा क्या बोले?
संजय सिंह के आरोपों पर जेपी नड्डा ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी वोटर लिस्ट के मुद्दे को सियासी रंग देने की कोशिश कर रही है. इस पर AAP ने भी करारा हमला बोला.
सौरभ भारद्वाज का जेपी नड्डा पर हमला
रोहिंग्या पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के बयान पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''वह देश की 25% आबादी को घुसपैठिया बता रहे हैं. आपने पूर्वांचलियों की तुलना रोहिंग्या और बांग्लादेशियों से कर दी. पूर्वांचलियों के प्रति बीजेपी की यह नफरत तब देखने को मिली जब छठ पूजा को उनके (BJP) नेताओं ने रोक दिया. यह वही पार्टी है जो पूर्वांचलियों को गुजरात और महाराष्ट्र से दूर ले जाती है.''
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. जाहिर है तीसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी पूरे दमखम से जुटी हुई है. जिस पूर्वांचल वोट बैंक को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी आपस में भिड़े हुए हैं
दिल्ली में पूर्वांचल वोट बैंक का कितना असर?
दिल्ली में कुल 30 प्रतिशत पूर्वांचल मतदाता हैं. पूर्वांचल में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से आए प्रवासियों को जोड़ा जाता है. पूर्वांचल वोट बैंक करीब 29 सीटों पर असर डालता है. अगर प्रतिशत की बात करें तो ये 20 प्रतिशत से ज़्यादा मतदाता हैं. दिल्ली के 2020 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूर्वांचल बहुल इलाके की 24 सीटें जीती थीं. जबकि बीजेपी ने इन इलाकों की 5 सीटें जीती थीं.
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