Delhi Election: जेल में बंद ताहिर हुसैन के लिए असदुद्दीन ओवैसी ने किया प्रचार, 'हम कब तक डर डरकर...'
Delhi Election 2025: असद्दुदीन ओवैसी ने कहा कि संविधान के मुताबिक हम सभी बराबर हैं. जिस तरह से हर समाज को लीडरशीप बनाने का हक है, उसी तरह भारत के मुसलमानों को भी लीडरशीप बनाने का इख्तियार हासिल है.

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच AIMIM अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी बुधवार (18 दिसंबर) को मुस्तफाबाद विधान सभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जेल में बंद ताहिर हुसैन के लिए प्रचार करते हुए लोगों से वोट की अपील की. उन्होंने कहा कि मुसलमानों की सियासी लीडरशिप को कोई बर्दाश्त नहीं करता. इनका मंशा और मकसद एक ही है कि हम गुलामी करते रहें. हम भीख मांगते रहें.
असद्दुदीन ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा, ''हम कब तक घुट-घुटकर और डर-डरकर जिंदगी गुजारेंगे. भारत के संविधान के मुताबिक हम सभी बराबर हैं. जिस तरह से हर किसी को समाज की लीडरशीप बनाने का हक है उसी तरह भारत के मुसलमानों को भी अपनी लीडरशीप बनाने का इख्तियार हासिल है.''
क्या मुस्लिम की लीडरशिप को हिस्सा नहीं मिल सकता- ओवैसी
उन्होंने आगे कहा, ''भारत की सब समाज की लीडरशिप बन सकती है लेकिन मुस्लिम की लीडरशिप को हिस्सा नहीं मिल सकता. ये कहा जाता है तुम जिंदा हो तो हमारी वजह से. भारत के मुसलमानों को फैसला करना है कि वो ऐसी पार्टियों को कब तक वोट डालेंगे जो BJP को रोक नहीं पाते? एक ही समाज है जो बीजेपी के खिलाफ वोट डाल रही है, वो मुस्लिम है. हम क्या दुनिया में इसलिए पैदा हुए कि तुमको जिताएं, तुमको कामयाब बनाएं.''
ताहिर हुसैन के नाम से सभी के पेट में दर्द शुरू हो गया- ओवैसी
इसके आगे उन्होंने कहा, "जिस वक्त तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, ये मोहब्बत की कामयाबी नहीं है. ये नफरत की कामयाबी है. उसी की बुनियाद पर तीसरी मर्तबा बीजेपी 240 सीट लेकर आई. हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी कैसे जीत गई बीजेपी? हम चीखते रहे कि बीजेपी को रोकना जरूरी है. मुसलमान को टिकट तो देना दूर की बात तुम बीजेपी को रोक नहीं पाए. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ताहिर हुसैन के नाम का ऐलान किया तो सभी के पेट में दर्द शुरू हो गया."
उधर, ताहिर हुसैन की पत्नी समा अंजुम ने कहा, ''मेरे शौहर ताहिर 2020 में जेल में गए थे. वो बेकसूर की सज़ा काट रहे हैं. मेरे शौहर की इज़्ज़त आपके हाथ में है, आपका एक वोट मेरे बच्चों से उनके बाप को मिला सकता है. इंशाल्लाह!" ताहिर हुसैन के बेटे सादाफ़ हुसैन ने शेर पढ़ते हुए कहा, ''खुदा के वास्ते यूं मायूस मत करना देकर वोट, तुम ये बता देना मैं पीड़ित हूं, दोषी नहीं, देकर वोट तुम मुझे रिहाई दे देना, देकर वोट तुम मुझे जिता देना.''
AIMIM नेता सैयद इम्तियाज जलील ने कहा, ''जब तक जुर्म साबित नहीं होता तब तक इंसान बेगुनाह है. कानून ये कहता है. ताहिर हुसैन के घरवालों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि आपके साथ अल्लाह है. ये नौजवानों की जिम्मेदारी है कि ताहिर भाई यहां से जीतें. एक बाप जेल में है, बच्चे रोज इंतेज़ार कर रहे हैं कि जब वो बाहर आएंगे. सबसे ज्यादा चर्चा होगी पूरे हिंदुस्तान में तो मुस्तफाबाद सीट की होगी. ओवैसी जी ने ताहिर जी को टिकट देने में एक मिनट का भी वक्त नहीं लिया.
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