Delhi Election 2025: दिल्ली BJP का पार्टी के पक्ष में नैरेटिव बनाने पर जोर, बांसुरी स्वराज को सौंपी ये जिम्मेदारी
Delhi Election 2025: दिल्ली बीजेपी की ओर से नैरेटिव समिति की संयोजक बांसुरी स्वराज को बनाया गया है तो वहीं सदस्य के रूप में प्रदीप भंडारी, कपिल मिश्रा, राजीव बब्बर शामिल किए गए हैं.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब करीब एक महीने का समय रह गया है. इसको ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने पार्टी के पक्ष में नैरेटिव बनाने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही नैरेटिव समिति की जिम्मेदारी पार्टी ने नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज को सौंपी है.
बता दें कि बीजेपी ने अक्टूबर में चुनावी मुहिम को प्रभावी बनाने के लिए 43 समितियों का गठित करने का ऐलान किया था. नैरेटिव समिति उन्हीं में से एक है, जिसे पार्टी की चुनावी रणनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है.
दिल्ली में नैरेटिव समिति का गठन पार्टी ने पहली बार किया है. इस समिति की संयोजक बांसुरी स्वराज बनाया गया है. इस समिति में बतौर सदस्य के रूप में प्रदीप भंडारी, कपिल मिश्रा और राजीव बब्बर को शामिल किया गया है.
बीजेपी (BJP) की ओर से किसी भी चुनाव से पहली बार नैरेटिव टीम बनाई गई है. यह टीम पूरे चुनाव प्रचार के दौरान तीन विषयों पर सबसे ज्यादा जोर देगी. इनमें डेरोगेटरी, समावेशी राजनीति और सकारात्मक मुद्दों पर जोर देना शामिल है.
बीजेपी ने चुनाव से पहले क्यों बनाई नैरेटिव समिति?
चुनाव के दौरान नैरेटिव दैनिक आधार को बदलता है, जो चीज आज रेलेवेंट है जरूरी नहीं उसका कल भी महत्व रहेगा. यह टीम अपने नैरेटिव बनाने के साथ साथ दूसरी पार्टियों द्वारा बनाई जा रही धारणा का खंडन करने के लिए बनाई गई है. चुनाव को तीन खानों में बांटा गया है.
1. पहले राउंड में ऐसी बातें बोली जा रही हैं, जिससे Larger Audience को मैसेज जाएगा. जैसे 'जहां यमुना गंदी है वो मेरी दिल्ली नहीं'. इस फेज में यह संदेश दिया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार काम नहीं कर रही. इस फेज को निगेटिव या Derogatory बनाया गया है.
2. अक्सर घोषणापत्र बनाने से पहले मीटिंग, वैन भेजना और अभियान नहीं चलाया जाता है, लेकिन नैरेटिव टीम Inclusive Politics की सोच से लोगों को जोड़ रही है. लोगों को जोड़ने के प्रयास को दिखाना भी अहम है. यह दिखाने का प्रयास इस फेज में किया जा रहा है.
3. नैरेटिव समिति का तीसरा फेज दिसंबर के अंत से शुरू होगा. "बीजेपी आएगी तो क्या लाएगी"- यह पॉजीटिव नैरेटिव बिल्डिंग होगा. इसका उद्देश्य बीजेपी के लिए सकारात्मक नैरेटिव बनाना होगा. इस तरह से नैरेटिव बनाने को लेकर एक बड़ी एक्सरसाइज बनाई गई है.
ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल ने बदरपुर विधानसभा में की पदयात्रा, BJP पर लगाया ये आरोप