Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट में 26 प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं. ओखला और कालकाली जी सीट पर भी चर्चा हुई, लेकिन इन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए.
वहीं कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ अपना कैंडिडेट उतार दिए हैं. आप प्रमुख के खिलाफ संदीप दीक्षित तो मनीष सिसोदिया के खिलाफ फरहाद सूरी को टिकट दिया है. जबकि मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में अब भी उहापोह की स्थिति है.
यही वजह है कि सबकी नजर इस बात पर है कि सीएम आतिशी के खिलाफ कांग्रेस का कैंडिडेट कौन होगा? क्या अलका लांबा के नाम का ऐलान इस सीट के लिए होगा?
अलका का चुनाव नहीं लड़ने की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सीईसी की दूसरी बैठक में पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को टिकट देने की मंजूरी दे दी थी. दूसरी तरफ पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अलका लांबा कालकाजी से चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं. साथ ही ये भी स्पष्ट नहीं है कि वो सिर्फ कालकाजी सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं हैं या दिल्ली की किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना ही नहीं चाहती हैं.
यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि जब लोकसभा चुनाव में जब उनका नाम कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उछला था, तो उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर पार्टी उन्हें लड़ाएगी तो मैं चांदनी चौक से चुनाव लड़ना पसंद करूंगी.
दरअसल, अलका लांबा ने 1994 में अपने सियासी पानी की शुरुआत राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) से जुड़कर की थी. सबसे पहले उन्हें दिल्ली राज्य लड़की संयोजक के रूप में जिम्मेदारी मिली. 1995 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टुडंट्स यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव एनएसयूआई प्रत्याशी के रूप में लड़ा और जीतीं भी. साल 2002 मे उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के महासचिव नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव भी नियुक्त किया गया. 16 जुलाई 2012 को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग का प्रतिनिधित्व भी किया।
अलका की फेवरेट सीट है चांदनी चौक
26 दिसंबर 2014 को वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं. साल 2015 में लांबा चांदनी चौक से दिल्ली विधानसभा के लिए चुनी गईं, लेकिन आप में खुद की उपेक्षा का हवाला देते हुए उन्होंने 6 सितंबर 2019 को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गईं. चांदनी चौक सीट को वह चुनाव लड़ने के लिहाज से मुफीद सीट मानती है.
फिर चांदनी चौक सीट पर उन्होंने काफी काम किया है. चांदनी चौक इलाके से उनका निजी जुड़ाव भी है. जबकि कालकाजी सीट चुनाव के लिहाज से उनके लिए पूरी तरह से नया साबित होगा. ऐसे में यह चर्चा होना कि वो वहां से आतिशी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं, कोई असहज करने वाली बात नहीं है.
कांग्रेस ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 26 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. इसमें एक प्रमुख नाम दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर फरहाद सूरी का है. उन्हें जंगपुरा से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा गया है. सूत्रों के अनुसार अलका लांबा दिल्ली सीएम आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तय हुआ था.
कहा तो यह भी जा रहा है कि इसको लेकर अलका लांबा ने पहले ही पार्टी को अपना रूख साफ कर दिया था. बावजूद इसके केंद्रीय चुनाव समिति ने उनके नाम पर मुहर लगा दी. सूत्रों के मुताबिक अलका अभी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहींं हैं.
कालकाजी की तरह ओखला विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा होनी थी, लेकिन उस सीट को लेकर भी पार्टी ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया. दरअसल, ओखला सीट पर अरीबा खान और दिल्ली दंगा मामले से चर्चा में आईं इशरत जहां हा नाम चर्चा में हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ओखला से आप प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान के खिलाफ इन्हीं में किसी एक को पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी.
बता दें कि कालकाजी विधानसभा क्षेत्र दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है.दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने मुख्यमंत्री आतिशी को कालकाजी सीट से पुनः उम्मीदवार बनाया है. 2020 के विधानसभा चुनाव में आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के धरमबीर सिंह को 11,393 वोटों के अंतर से हराया था.2015 के विधानसभा चुनाव नें AAP के अवतार सिंह ने BJP के हरमीत सिंह कालका को 19,769 वोटों के अंतर से पराजित किया था.
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