Delhi News: दिल्ली में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया है. प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मामले में आप पर ओछी राजनीति करने और बीजेपी पर जबावदेही से भागने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 40 स्कूलों को बम से उड़ाने का ईमेल बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मामला है. बीजेपी जवाबदेही से भाग रही है. दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदार बीजेपी है. उन्होंने कहा कि आप सरकार संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक रोटी सेंक रही है.
यादव ने कहा कि दिल्ली की रक्षा और सुरक्षा खतरे में पड़ी है. बराबर के जिम्मेदार अरविन्द केजरीवाल भी हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने से पहले दिल्ली वालों को सुरक्षा व्यवस्था देने का वादा किया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और आप सत्ता की लड़ाई में व्यस्त हैं. दूसरी तरफ राजधानी में खुलेआम अपराध को अंजाम दे रहे हैं. गोलीबारी, गैंगवार, डकैती, किडनैपिंग, फिरौती, झपटमारी और रेप के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 29 नवम्बर को प्रशांत विहार में सीआरपीएफ स्कूल के बाहर बम धमाका बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह है.
स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का मामला
देवेंद्र यादव ने कहा कि घटना की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार को लेनी चाहिए. उन्होंने अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद दिल्ली पुलिस को साइबर अपराध पर काबू पाने की सुविधा नहीं है. ईमेल भेजकर धमकी देना पुलिस की विफलता को दर्शाता है. उन्होंने जानना चाहा कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसकी है. बीजेपी और आप के नेता लोगों को बेसहारा छोड़कर विकास की बात कर रहे हैं. लेकिन सुरक्षा की गारंटी कोई नहीं दे रहा.
देवेंद्र यादव ने AAP और BJP से मांगा जवाब
देवेन्द्र यादव ने कहा कि आजादी के बाद राजधानी में कानून व्यवस्था की इतनी बदतर स्थिति देखने को कभी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और केन्द्र में बीजेपी का शासन है. आज हर नागरिक भय के साए में जीने को मजबूर है. महिला, बच्चे, कारोबारियों को अनहोनी का डर सताता है. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी कानून व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े इंतजाम उठाने चाहिए. 11000 से अधिक पुलिस जवानों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की भी उन्होंने मांग की.
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