Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा का चुनाव 2025 को लेकर सियासी जंग चरम पर पहुंच गया है. 10 जनवरी तक चुनावी कार्यक्रमों का भी ऐलान होने की संभावना है. पिछले तीन बार की तरह इस बार भी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही मुकाबला माना जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस ने इस बार दमदार तरीके से चुनाव लड़ने के संकेत देकर इलेक्शन रोचक बना दिया है. सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच आप, बीजेपी और कांग्रेस के नेता अपना-अपना नैरेटिव गढ़ने में लगे हैं. 


दूसरी तरफ दिल्ली के मतदाताओं ने अभी तक इस मसले पर स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं. दिल्ली के मतदाता इस बार जल्दबाजी दिखाने के बदले संभवत: सियासी दलों को गहराई से टटोलने के मूड में है. 


फिलहाल जिन मसलों पर राजनीतिक दलों के बीच गहमागहमी मची है, उनमें रोहिंग्या-बांग्लादेशी, पूर्वांचली, अंबेडकर का अपमान और 'फ्री की रेवड़ी' जैसे मसले अहम हैं. पिछले कुछ दिनों के दौरान कानून व्यवस्था को भी आम आदमी पार्टी ने मुद्दा बनाने की कोशिश की है.


 1. रोहिग्या-बांग्लादेशी 


दरअसल, इस मसले ने उस समय दिल्ली की राजनीति में जोर पकड़ा जब आम आदमी पार्टी प्रमुख अरिवंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट से नाम गायब होने का मसला हाल ही में उठाया था. उन्होंने इस मसले को उठाते हुए कहा था कि रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को जान बूझकर निशाना बनाया जा रहा है. वहीं, दिल्ली के एलजी के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के नाम पर आंख मूंदकर दिल्ली की सड़कों पर सोने वाले, झुग्गियों में रहने वाले और या फिर पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को निशाना बनाने में जुटी है. 


इस मसले पर आप का कहना है कि केंद्र सरकार ने रोहिंग्याओं को बसाने का काम किया है, तो बीजेपी इस मसले पर आप पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगा रही है. बीजेपी नेताओं आप सरकार से इस सवाल का जवाब मांग रही है कि इन लोगों को फ्री बिजली-पानी किसने दिया?


इस बीच एमसीडी की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए म्युनिसिपल स्कूलों में प्रवेश के दौरान विभागीय अधिकारी जरूरी कदम उठाएं. किसी भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी को जन्म प्रमाण पत्र जारी न किया जाए. निगम के इस फैसले ने रोहिंग्या और बांग्देशियों को और तूल दे दिया है. 


2. पूर्वांचली 


दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाता दशकों से सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. पहले और अब में अंतर इतना आ गया है कि दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाता अब मुखर हो गए हैं. 


ऐसा होना भी स्वाभाविक है. दिल्ली में करीब 30% से अधिक बिहार और यूपी के लोग हैं, जो विधानसभा की 70 में से लगभग 25 सीटों पर प्रत्याशियों की जीत हार का फैसला करते हैं. कुछ सीटें ऐसी भी है जहां इनकी संख्या 40 फीसदी से भी ज्यादा है. यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचल वोटर्स को साधने का प्रयास किया है.


आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 20 दिसंबर को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर हमला बोला है. आप प्रमुख ने नड्डा पर केजरीवाल ने पूर्वांचलियों की तुलना रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों से करने का आरोप लगाया. केजरीवाल ने दावा किया कि बीजेपी पूर्वांचलियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताकर उनके वोट काट रही है. जबकि बीजेपी हर हाल में पूर्वांचल मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में जुटी है. 


3. अंबेडकर का अपमान 


वहीं, अंबेडकर का मामला सीधे दलितों और पिछड़ों से जुड़ा है. दिल्ली में दलितों की आबादी 16.7 फीसदी है. उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सुल्तानपुरी विधानसभा क्षेत्र में 44 प्रतिशत मतदाता दलित तो करोल बाग में 41 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जाति समुदाय के हैं. इसके अलावा, गोकुलपुरी, सीमापुरी, मंगोलपुरी, त्रिलोकपुरी और आंबेडकर नगर जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से अधिक दलित हैं. दलित और एससी मदाताओं को कांग्रेस, आप और बीजेपी तीनों की नजर है. 


शाह का बयान सामने आने के बाद कांग्रेस और आप अंबेडकर के कथित अनादर की भावना का सियासी लाभ उठाने के लिए उत्सुक है. दोनों ही दल खुद को दलित अधिकारों और कल्याण के चैंपियन के रूप में पेश कर रहे हैं. खासकर कांग्रेस इस मसले पर काफी आक्रामक मुद्रा में है. 
 
इस मसले पर संविधान के मुद्दे पर बहस के दौरान अमित शाह का बयान सामने आने के बाद बीजेपी बैकफुट पर नजर आ गई है. हालांकि, बीजेपी कांग्रेस पर पलटवर करते हुए डैमेज कंट्रोल करने की मुद्रा में भी दिखाई दे रही है. 


4. 'फ्री की रेवड़ी'


भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल सरकार की फ्री बिजली, फ्री पानी, महिलाओं के लिए बस में फ्री यात्रा, बुजुर्ग सीएम तीर्थ यात्रा योजना, फ्री शिक्षा और फ्री स्वास्थ्य सुविधा जैसी योजनओं 'फ्री की रेवड़ी' बताकर हमला बोलती आई है. बीजेपी का आरोप है कि आप सरकार दिल्ली वालों के टैक्स का पैसा लुटा रही है. 


वहीं आम आदमी पार्टी ने इसके जवाब में 'रेवड़ी पर चर्चा' शुरू कर लोगों से पूछना शुरू कर दिया है कि क्या गरीब, दलितों, पिछड़ों व आय वर्ग के लोगों को ये सुविधाएं देना गलत है? अगर नहीं तो फिर इस बार भी बीजेपी को सबक सिखाएं. इनता ही नहीं, फ्री की रेवड़ी में अब महिलाओं को 2100 रुपये देने का भी ऐलान अरविंद केजरीवाल ने कर दिया है. 


बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की थी. बीजेपी को 8 सीटें मिलीं. जबकि कांग्रेस एक भी सीट हासिल करने में विफल रही। साल 2015 में आप 70 में से 67 जीतने में कामयाब हुई थी. तीन सीटों पर बीजीपी के प्रत्याशी जीत हासिल करने में सफल हुए थे. 


मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ED की जांच को बताया झूठ, कहा- 'जुमलेबाजी बंद करो'