Delhi Assembly Election 2025: चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान करने के बाद से सभी 70 विधानसभा सीटों पर सियासी तल्खियां बढ़ गई हैं. ओखला विधानसभा दिल्ली की चर्चित सीटों में से एक है. एनआरसी (NRC) और सीएए (CAA) के खिलाफ महीनों तक चले विरोध प्रदर्शन की वजह से यह सीट देश और दुनिया में सुर्खियों में रहा.
इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने तीसरी बार लगातार अमानतुल्लाह खान को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर वह साल 2015 और 2020 में चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन इस बार उनके लिए सियासी जीत पहले के दो विधानसभा चुनाव की तरह आसान साबित होगा या नहीं, इसका पता 8 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही चलेगा.
कैसा है सियासी माहौल?
ऐसा इसलिए कि अमानतुल्लाह खान इस सीट से सीटिंग एमएलए हैं. इस बार आप सरकार के खिलाफ कुछ हद तक लोगों मायूसी है. दूसरी बात यह है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए उन पर अनियमिता के भी आरोप लगे हैं. इस विवाद की वजह से वह ईडी और सीबीआई जांच का भी सामना कर रहे हैं.
इसके अलावा, पिछले 10 साले आम आदमी पार्टी का रुझान सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढा है. आप के इस रुख को शाहीन बाग सहित पूरे ओखला क्षेत्र के बहुसंख्यक मतदाता बेहतर तरीके से समझते हैं. इसके बावजूद उनके पास अभी बेहतर विकल्प और कोई नहीं है. इसका लाभ इस बार भी अमानतुल्लाह खान उठा सकते हैं.
ओखला सीट BJP के लिए मुफीद नहीं
बीजेपी ने अपने प्रत्याशी अभी घोषित नहीं किए है. वैसे भी यह सीट बीजेपी के लिए मुफीद नहीं है. परंपरागत तरीके से ओखला कांग्रेस का गढ़ रहा है. इस बार कांग्रेस और एआईएमआईएम की ओर से मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की संभावना है. एआईएमआईएम ने इस सीट पर पहली बार पार्टी का प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है.
ओखला विधानसभा क्षेत्र का सियासी समीरकण क्या है?
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आप प्रत्याशी अमानतुल्ला खान को कुल डाले गए मतदाताओं में 66.03 प्रतिशत समर्थन मिला था. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्म सिंह रहे थे. उन्हें 29.65 प्रतिशत और कांग्रेस के परवेज हाशमी को 12.59 प्रतिशत मत मिले थे.
साल 2015 विधानसभा चुनाव में आप प्रत्याशी अमानतुल्लाह खान को 62.57 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था. 10 साल पहले भी इस सीट पर बीजेपी के ब्रह्म सिंह दूसरे नबर पर रहे थे. उन्हें 23.84 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रहे थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ मोहम्मद खान को 12.08 प्रतिशत मतदाताओं का साथ मिला था.
साल 2013 में कांग्रेस के आसिफ मोहम्मद खान ने इस सीट से चुनाव जीता था. आप प्रत्यशी इरफानुल्लाह खान दूसरे नंबर पर रहे थे.
दरअसल, ओखला विधानसभा सीट पूर्वी दिल्ली का हिस्सा है. ओखला विधानसभा क्षेत्र में मदनपुर खादर गांव, खिजराबाद गांव, जसोला गांव, आली गांव और तैमूर नगर जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं. अन्ना अंदोलन के बाद से ओखला विधानसभा क्षेत्र को आम आदमी पार्टी के नेता और सिटिंग एमएलए अमानतुल्ला खान का गढ़ बन गया है.
ओखला विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी में मुस्लिमों की संख्या 55 प्रतिशत है. इस लिहाज से यहां का सियासी माहौल हमेशा से मुस्लिम प्रत्याशियों के अनुकूल रहा है. हालांकि, इस बार इस सीट पर भी सियासी माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है.