दिल्ली चुनाव: मालवीय नगर में इस बार कैसा रहेगा मुकाबला? AAP, बीजेपी और कांग्रेस ने इन नेताओं पर लगाया दांव
Malviya Nagar Assembly: दिल्ली के प्रमुख शहरी इलाकों में से एक मानी जाने वाली मालवीय नगर विधानसभा सीट की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है. तीनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है.
Delhi Assembly Election 2025: दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली मालवीय नगर विधानसभा सीट दिल्ली के प्रमुख शहरी इलाकों में से एक मानी जाती है. जहां इस बार के विधानसभा चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी ने तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती पर लगातार चौथी बार भरोसा जताते हुए उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. तो वहीं बीजेपी ने यहां से सतीश उपाध्याय और कांग्रेस ने जितेंद्र कुमार कोचर को चुनावी मैदान में उतारा है.
विधानसभा में आते हैं कई पॉश इलाके
मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में कई पॉश इलाके आते हैं, जिनमें मालवीय नगर, ग्रीन पार्क, हौज खास, आईआईटी कैंपस, साकेत, किशनगढ़, संगम विहार, और महेन्द्र पार्क शामिल हैं. यह क्षेत्र दिल्ली के व्यस्त और प्रमुख इलाकों में स्थित है.
प्रवासियों की संख्या अधिक
मालवीय नगर विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 1,55,712 हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83067, तो वहीं महिला मतदाताओं की 72641 है. जबकि महज 4 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. यहां के अधिकतर मतदाता प्रवासी हैं. जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान से आए लोगों की संख्या अधिकतर हैं. मालवीय नगर, गौतम नगर, हौज खास, सफदरजंग डिवेलपमेंट एरिया में पंजाबी वोटर ज्यादा हैं, तो वहीं कालू सराय, कुम्हार बस्ती, हौज रानी, जहांपनाह और बेगमपुर जैसे इलाकों में मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है.
यहां के लोग सीवर और टूटी सड़कों से काफी परेशान हैं. गौतम नगर, सर्वोदय एन्क्लेव, कृष्णा नगर, अर्जुन नगर में लोग सीवर को लेकर काफी परेशान हैं. मालवीय नगर मार्केट में जलभराव से लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं, प्रेस एन्क्लेव मार्ग और अरबिंदो मार्ग पर अतिक्रमण का जंजाल फैला हुआ है. कई जगह ब्लैक स्पॉट बनते हैं.
पिछले तीन चुनावों में चली आप की झाड़ू
पिछले तीन चुनावों 2013 से 2020 तक यहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर रही है. जिसमें अब तक हर बार आप ने बाजी मारी है और हर बार आप के सोमनाथ भारती ने बीजेपी के उम्मीदवार को पटखनी दी है. जबकि उससे पहले 1998 से 2008 तक लगातार यह सीट कांग्रेस के नाम रही. लेकिन आम आदमी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस के वोटर आप मे शिफ्ट हो गए और तब से यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गयी और वे लगातार यहां ओर हाशिये पर चल रहे हैं.
बीजेपी ने 1993 में यहां से जीत दर्ज की थी. उसके बाद से हर बार चुनाव में कड़ी टक्कर देने के बाद वे जीत से महरूम ही रहे. अब देखना ये दिलचस्प होगा कि, क्या आप की झाड़ू के दम पर सोमनाथ भारती आसानी से चौथी बार विरोधियों का सफाया कर पाते हैं या फिर, वर्षों से यहां से जीत से दूर कांग्रेस और बीजेपी इस सीट को जीत कर इतिहास को दोहराएगी.
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