Delhi Election 2025: 'दिल्ली का कूड़ा मुक्त न होना AAP सरकार की नाकामी', विजेंद्र गुप्ता का दावा
Delhi Assembly Election 2025: विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल ने MCD चुनाव 2022 के दौरान लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आते ही कूड़े के पहाड़ों से मुक्ति दिला देंगे.
Delhi Vidhan Sabha Election 2025: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित तीनों लैंडफिल साइट्स (कूड़े के पहाड़ों) का निस्तारण न होने के लिए आप सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि एमसीडी की नाकामी के चते तीनों लैंडफिल साइट्स पर कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसे गंभीरता न लेकर दिल्ली सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
उन्होंने कहा कि तीनों लैंडफिल साइट्स दिल्ली के गाजीपुर, ओखला और भलस्वा में स्थित है. लैंडफिल साइट्स से आतिशी सरकार की नाकामी की वजह से कूड़ा मुक्त नहीं हो पाई है.
AAP वाले भूल गए चुनावी वादे द्वार
उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि साल 2022 के दिल्ली नगर निगम चुनाव में उन्होंने कूड़े के पहाड़ों को चुनावी मुद्दा बनाया था. उन्होंने कहा निगम की सत्ता में आते ही तीनों पहाड़ों को कूड़ा मुक्त किया जाएगा. साथ ही लैंडफिल दिल्ली से बाहर बनाए जाएंगे.
विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक आप तो एमसीडी की सत्ता में आ गई, लेकिन चुनावी वादों को भूल अरविंद केजरीवाल भूल गए. सरकार की निष्क्रियता का आलम यह हो गया कि कूड़े के इन पहाड़ों को खत्म करने की समय सीमा हर बार बढ़ा दी जाती है.
दिल्ली वालों को दिया धोखा- विजेंद्र गुप्ता
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने तीनों लैंडफिल साइट्स पर कूड़े के पहाड़ खत्म होने की समय सीमा का उल्लेख करते हुए कहा कि नगर निगम ने फरवरी 2024 में भलस्वा साइट को दिसंबर 2025 तक, गाजीपुर साइट को दिसंबर 2026 तक और ओखला साइट को दिसंबर 2024 तक कूड़ामुक्त करने की समय सीमा तय की थी. अब समय सीमा को पूरा कर पाने में अपने आप को असमर्थ देख नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा देकर समय सीमा को 3 साल बाद यानी दिसंबर 2028 तक बढ़ा लिया.
विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की रिपोर्ट 2022-23 के मुताबिक दिल्ली में घरों में रोजाना 11,352 टन कचरा निकलता है, जिसमें से 7,352 टन कचरा या तो रीसाईकल हो जाता है या फिर बिजली बनाने के काम आता है. बचा हुआ लगभग 4,000 टन कूड़ा लैंडफिल साइट्स में भेज दिया जाता है. मतलब साफ है कि दिल्ली के कुल कचरे का 35 फीसदी कचरा हर रोज लैंडफिल साइट्स पर डाल दिया जाता है.
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि आंकड़े बताते हैं कि अभी भी इन तीनों साइटों पर 150 लाख टन से अधिक कूड़ा निस्तारण के लिए रखा हुआ है, जिसके निस्तारण के लिए सरकार कभी सोचती ही नहीं. भलस्वा लैंडफिल साइट पर 47 लाख टन, गाजीपुर में 42.5 लाख टन और ओखला में 29 लाख टन कूड़ा निस्तारण का काम बाकी है.
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