Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार (6 जनवरी 2025) को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फ्लैग स्टाफ स्थित सीएम आवास को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने  प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएम के आवास का 3डी मॉडल भी सभी के सामने पेश किया. 


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सीएम आवास पहला एडिशन एलटरेशन एस्टीमेट 7.91 करोड़ का बना. पी.डब्लू.डी. ने इसे ना जाने क्यों इमरजेंसी वर्क घोषित कर दिया. पी.डब्लू. डी. ने पहले एस्टीमेट पर 1 सितंबर 2020 को वर्क आर्डर भी जारी कर दिया. 


उन्होंने कहा कि ये काम उस समय किया गया जब दिल्ली के लोग कोविड-19 की मार झेल रहे थे और हमारे रोजगार ठप्प थे. वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि चूंकि अरविंद केजरीवाल जिस सीएम आवास में किसी को घुसने नहीं देते, इसलिए हम ये मॉडल लेकर आए हैं. सीएम आवास की जो इमेज आई है, उसी के आधार पर ये मॉडल हमने बनवाया है. 


वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यहां पर पहले एक प्लॉट  और एक बंगला होता था, लेकिन केजरीवाल को कुछ बड़ा करना था दिल्ली के लिए, इसलिए आसपास के तीन प्लॉट को तोड़ कर चार प्लॉट को और इसमें जोड़ दिए और भ्रष्टाचार का म्यूजियम बनवा दिया.


CAG ने उठाए ये सवाल 


सीएम आवास को लेकर CAG ने अपनी रिपोर्ट में 139 सवाल पूछे हैं. सवाल है कि क्या इसको बनाने के लिए सरकारी इजाजत ली गई? इस भवन के निर्माण पर 2022 तक 33 करोड़ से ज्यादा खर्च किया गया. 2023-24 तक आते आते ये मामला 75 से 80 करोड़ के बीच का हो गया. 


विरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए खर्च को लेकर कहा, "राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, वीपी सिंह ये सभी उसी आवास में रहते थे, जहां अभी पीएम रहते हैं। अरविंद केजरीवाल से मैं पूछ रहा हूं कि क्या ये CM आवास है? अगर ये CM आवास होता तो आतिशी मार्लेना आज मथुरा रोड पर क्यों रहतीं  हैं? कागजों पर CM आवास नहीं है, तो इसे किसके लिए बनवाया है? इस आवास को उन्होंने खुद के लिए बनवाया है."


सीएजी रिपोर्ट में क्या है?


बीजेपी का दावा है कि शीशमहल को लेकर सामने आई सीएजी रिपोर्ट से सबसे पहली बात जो साफ हुई है वह है की अरविंद केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के दौरान पी.डब्लू.डी मुख्य मंत्री केजरीवाल की निजी संस्था के रूप में काम करती थी. यही वजह है कि प्रारंभिक वर्क आर्डर के बाद बिना किसी जस्टिफिकेशन इमरजेंसी वर्क घोषित कर सीएम बंगले का लागत मूल्य 33.71 करोड़ कर दिया. 


सी.ए.जी. की रिपोर्ट में पृष्ठ 127 और उससे आगे विस्तार से प्रोजेक्ट कंसल्टेंट नियुक्ति से लेकर प्रोजेक्ट लागत तय करने उसको किश्तों में बढाने पर भी सवाल खड़े किए हैं. सबसे बड़ीआपत्ति मुख्य मंत्री के लिए आवास कैटेगरी तय करने, फिर उसे भी बढ़ाने, आपातकालीन आवशयकता घोषित करने, काम को कभी स्थाई तो अभी अस्थाई बताने को लेकर और स्टाफ ब्लाक से लेकर सरवेंट क्वार्टर निर्माण तक के नाम पर, हेर फेर को लेकर उठाए हैं.


विधानसभा चुनाव से पहले CAG रिपोर्ट पर घमासान, संजय सिंह ने लादेन से की BJP की तुलना?