दिल्ली में वोटरों का लिस्ट से नाम काटने पर क्या फंसेंगे अफसर? अधिकारियों की लिस्ट बना रही AAP
Delhi News: दिल्ली में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप पर आम आदमी पार्टी ने जांच की. पार्टी ने पाया कि करीब 75% नाम गलत तरीके से काटे गए. AAP ने जिम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाई .
Delhi AAP News: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से कहा गया कि हरियाणा और महाराष्ट्र की तर्ज पर बीजेपी दिल्ली का चुनाव जीतने के लिए मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का प्रयास कर रही है, लेकिन उसकी यह साजिश अरविंद केजरीवाल ने पर्दाफाश कर दी. आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी की साजिश किसी भी तरह से कामयाब नहीं होने वाली है, क्योंकि उसकी इस साजिश का भंडाफोड़ हो चुका है. आम आदमी पार्टी इसकी गहराई से पड़ताल में भी जुट गई है.
आम आदमी पार्टी ने सभी विधानसभा के हिसाब से पांच टीमों का गठन किया है. यह टीम नाम कटने वालों से संपर्क करने से लेकर उन अधिकारियों का नाम इकट्ठा कर रही, जिनकी नाम काटने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर किसी तरह की भूमिका है. आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट तौर पर उन अफसरों को कानूनी कार्रवाई करेगी, जो बीजेपी के दबाव में आकर गलत तरीके से मतदाताओं के नाम को काट रहे हैं. जबकि ये मतदाता जीवित हैं और अपने पुराने पते पर परिवार के साथ रह रहे हैं.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी की हरियाणा और महाराष्ट्र में की गई गड़बड़ी दिल्ली में नहीं चलने वाली है. इसलिए आम आदमी पार्टी इसे लेकर बेहद गंभीर हो गई. पार्टी ने पूरी दिल्ली के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है . हर विधानसभा के हिसाब से पांच टीम बनाई गई है. वह टीम केंद्रीय टीम के साथ मिलकर 24 घंटे काम पर लगी है.टीम नाम कटे एक-एक व्यक्ति से संपर्क करेगी. साथ उनका नाम कटने की प्रक्रिया का पालन हुआ है कि नहीं, इसकी जानकारी इकट्ठा कर रही है. अभी तक की जांच में पता चला है कि करीब 75 फीसद लोगों के नाम गलत तरीके से काटे गए हैं.
इसकी जानकारी होने के बाद आम आदमी पार्टी की टीम ऐसे अफसरों के नाम की सूची बना रही है, जो मनमाने तरीके से वोटर का नाम लिस्ट से काट रहे हैं. कार्यकर्ता सभी मतदाताओं के संपर्क में आ गए हैं और एक-एक नाम का मिलान वोटर लिस्ट से कर रहे हैं. जिनका भी नाम काटने के लिए बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग को दिया गया उन नामों पर विशेष फोकस किया जा रहा हैं और पता कर रहे हैं कि वह वोटर उस पते पर अभी है या नहीं. जो वोटर वहां मौजूद मिल रहा है, अगर उसका नाम लिस्ट से कौन अफसर प्रयास काटा है, उसकी सूची बन रही है.
आम आदमी पार्टी ने सहूलियत के लिए कार्यकर्ताओं को यह टारगेट दिया है कि वो एक-एक घर जाएं और वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम का मिलान करें. सभी कार्यकर्ता अपने इलाके के एक-एक घर जाना शुरू कर दिए हैं. वह हर घर में कितने लोग हैं, क्या उनके नाम मतदाता सूची में है, अगर नहीं है तो कब से नहीं है, क्या पहले उनका नाम मतदाता सूची में था और अभी हाल फिलहाल में नाम काटा गया है और अगर काटा गया है तो क्यों? इस तरह के सवालों का जवाब खोज रहे हैं.
अगर किसी मतदाता का नाम हाल फिलहाल में बीजेपी की साजिश की वजह से काटा गया है तो उनके नाम लिस्ट में जुड़वाने का भी प्रयास कर रहे हैं. साथ ही मतदाता सूची में जिनके नाम है और वह लोग अपने पते पर रह रहे हैं लेकिन बीजेपी ने उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया है तो उसकी सूची भी बना रहे हैं.
आम आदमी पार्टी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि मतदाता सूची में शामिल हर एक वोटर के नाम पर पैनी नजर रखें. अगर उनके नाम लिस्ट से काटी जा रही है तो यह पता करें कि उनके नाम काटने के लिए कौन अफसर जिम्मेदार है. उस जिम्मेदार अधिकारी के नाम भी पार्टी को सौंपे, ताकि उन अफसरों के खिलाफ पार्टी की तरफ से कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सके. पार्टी का लीगल सेल भी इसमें मदद कर रहा है. अफसरों के खिलाफ की जाने वाली कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया को लीगल सेल पूरा करने में जुटा है.
सिर्फ इतना ही नहीं, पार्टी के पदाधिकारी भी अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं और रोजाना अपडेट ले रहे हैं ताकि वोटर लिस्ट से नाम काटने वाला कोई भी अफसर छूट न जाए. पार्टी उन सभी अफसरों पर कानूनी कार्रवाई करेगी जो गलत तरीके से सूची से किसी मतदाता का नाम काट रहे हैं.
आम आदमी पार्टी करेगी कानूनी कार्रवाई
आम आदमी पार्टी से साफ कहा है कि मतदाता सूची से नाम कटवाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिसने भी नियमों को ताक पर रख कर जीवित और अपने पते पर रह रहे मतदाताओं के नाम लिस्ट से कटवाने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करता है, उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 174, धारा 318, धारा 217, धारा 196 और धारा 61 के तहत कार्रवाई करेंगे. क्योंकि इन्होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31, धारा 125 और धारा 136 का उल्लंघन किया है. इसके साथ ही, जितने भी बीएलओ, एई आरओ, रिटर्निंग अधिकारी है, उनको भी पार्टी ने चेतावनी दी है कि गलत काम मत करना, दस्तखत आपके हो रहे हैं और कागज पक्के रहते हैं. आज नहीं तो कल आपको जेल जाना पड़ सकता है. जो भी अफसर गलत काम करेगा, उसके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जाएगा.
वोटर लिस्ट से नाम काटने के ये हैं नियम
वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए चुनाव आयोग ने एक तय प्रक्रिया बनाई है. इसके लिए इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) की ओर से मतदाताओं के नाम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है.संबंधित क्षेत्र का कोई भी मतदाता किसी भी नाम पर आपत्ति जता सकता है. यह सूची सभी राजनीतिक दलों को भेजी जाती है और मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के नोटिस बोर्ड और मतदान केंद्रों पर प्रदर्शित की जाती है.
यदि कोई इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर या बूथ लेवल ऑफिसर को सूचित करना चाहता है कि किसी मतदाता का नाम किसी कारणवश उस निर्वाचन क्षेत्र की सूची में नहीं होना चाहिए तो उसे फॉर्म 7 के जरिए आपत्ति दर्ज करानी होती है. नाम कटवाने की वजह मृत्यु या पते में परिवर्तन हो सकता है. फॉर्म 7 ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है या इसे इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से भी प्राप्त किया जा सकता है. ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के प्रकाशित होने की तारीख से 30 दिन के भीतर आपत्ति दर्ज करानी होती है. वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाना है या नहीं, इसे लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का निर्णय ही अंतिम होता है.
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