कांग्रेस ने इशरत जहां की जगह अरीबा खान को क्यों दिया टिकट? अमानतुल्लाह खान पर दे दिया बड़ा बयान
Okhla Assembly Seat: पूर्व पार्षद इशरत जहां दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में रही थीं. इससे संभावित सहानुभूति फैक्टर के कारण कांग्रेस ओखली सीट से इशरत जहां पर दांव लगाना चाहती थी.
Delhi Okhla Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार शाम (14 जनवरी) को अपनी चौथी लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में जिन सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया है, उसमें सबसे ज्यादा चर्चा ओखला सीट को लेकर हो रही है. दरअसल, कांग्रेस ने यहां से इशरत जहां की बजाय अरीबा खान को टिकट दिया है. अरीबा खान पार्षद हैं और उनके पिता आसिफ खान ओखला से दो बार विधायक रह चुके हैं. अरीबा का मुकाबला मौजूदा विधायक अमानतुल्ला खान से होगा.
इस सीट से कांग्रेस इशरत जहां को टिकट देने पर गंभीरता से विचार कर रही थी. पूर्व पार्षद इशरत जहां दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में रही थीं. इससे संभावित सहानुभूति फैक्टर के कारण कांग्रेस इशरत पर दांव लगाना चाहती थी. यहां तक कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की पिछली बैठक में राहुल गांधी ने भी इशरत की पैरवी की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई.
इशरत के नाम पर कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध?
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर इशरत जहां को टिकट नहीं देने के लिए दबाव बनाया. यहां तक धमकी दी गई कि इशरत के चुनाव लड़ने की स्थिति में वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस नेतृत्व के पास सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. हालांकि, अब इशरत को टिकट नहीं देने का मुद्दा ओवैसी की पार्टी ने उठा कर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है.
AIMIM ने बोला कांग्रेस पर हमला
एआईएमआईएम ने कहा कि कांग्रेस ने इशरत जहां का टिकट काटकर यह संदेश दिया है कि वह समाज के लिए आवाज बुलंद करने वाली मुस्लिम नेतृत्व का साथ नहीं देना चाहती. यह हिम्मत सिर्फ हमारी पार्टी में है कि मजलूम की आवाज उठाते हैं. बाकी सेकुलर पार्टियां हिंदुत्व वोट बैंक को खुश करने में लगी रहती हैं. एआईएमआईएम ने ओखला से शफाउररहमान खान को उम्मीदवार बनाया है, जो दिल्ली दंगों के आरोपों में जेल में बंद हैं. इससे मुस्लिम बहुल ओखला सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गई है.
क्या बोलीं अरीबा खान?
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अरीबा खान ने कहा, "ओखला के लोगों को विकास चाहिए. यही एक मुद्दा है, एक ही रणनीति है. मौजूदा सरकार और विधायक इस इलाके को 20 साल पीछे ले गए हैं. ओखला के लोगों ने अमानतुल्लाह खान को दो बार मौका दिया, लेकिन वह पूरी तरह विफल रहे हैं. अरविंद केजरीवाल खुद मानते हैं कि उनके प्रत्याशी अपने चेहरे पर चुनाव नहीं जीत पाएंगे. इसलिए उन्होंने कहा था कि 70 विधानसभा चुनाव में लड़ रहा हूं. उनके विधायक भ्रष्टाचार में डूबे रहे हैं."
उन्होंने कहा, "मैं बहुत अच्छे मार्जिन से जीतूंगी. मेरे पिता इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि मैं उनसे बेहतर काम करूंगी. अरविंद केजरीवाल की कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है, उनकी जुमलेबाजी का कोई असर यहां देखने को नहीं मिला है."