Delhi Politics: आम आदमी पार्टी सर्वे के आधार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकटों का बंटवारा करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ किया है कि टिकट बंटवारे में भाई भतीजावाद या परिवारवाद नहीं चलेगा. ऐसे में अब सवाल उठता है कि सर्वे का आधार क्या होगा. सवाल मौजूदा विधायकों के भविष्य का भी है. सर्वे की रिपोर्ट पर क्या विधायकों का भी टिकट कटेगा.
सूत्रों के मुताबिक आप ने इंटर्नल सर्वे के लिये अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी है. कंपनियां अलग-अलग माध्यमों से सभी 70 विधानसभा सीटों पर सर्वे करेंगी. हफ्ते में 2 से 3 बार सर्वे किया जायेगा. सर्वे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिपोर्ट आप को सौंपी जायेगी.
सर्वे का क्या होगा प्रारूप?
- हर वार्ड में 2000 से 2500 सैम्पल साइज लिये जाएंगे
- सर्वे में पार्टी का कोई भी सदस्य शामिल नहीं होगा
- MLA से लेकर विधानसभा के संभावित नामों पर रायशुमारी
- ऑडियो और वीडियो रिकार्डिंग के जरिये सर्वे की तैयारी
- सर्वे में अलग-अलग आयु वर्ग से सवाल पूछे जायेंगे
- सर्वे के जरिये जातिगत समीकरण को समझने की कोशिश
आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि सर्वे के आधार पर उम्मीदवारों को टिकट मिलेगा. दावा किया जा रहा है कि इस बार का सर्वे सबसे बड़े सैम्पल साइज के साथ होगा. आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड ने कहा कि सर्वे की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है. उन्होंने भाई भतीजावाद और परिवारवाद पर अरविंद केजरीवाल के बयान को दोहराया. प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सर्वे के जरिये ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश है. लोगों की राय से पता चलेगा कि विधायक ने कितना काम किया है. पिछले सालों में हुये काम पर जनता का क्या रिस्पॉन्स है.
प्रियंका कक्कड ने कहा कि सर्वे में एकराय बनाने के लिए हर वर्ग को शामिल किया जाता है. आम आदमी पार्टी के सामने सत्ता को बचाए रखने की चुनौती है. अरविंद केजरीवाल को अंदाजा है कि चुनाव में सत्ता विरोधी लहर भी हावी हो सकती है. इसलिए सर्वे के आधार पर विधायकों का टिकट भी कटना तय है.
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