Delhi: दिल्ली विधानसभा की समिति नौकरशाह राजशेखर के ओबीसी प्रमाणपत्र को सत्यापित करने उनके गृहनगर गई
Delhi Politics: दानिक्स अधिकारी राजशेखर समिति के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने समिति से कहा था कि मौजूदा नियमों के अनुसार सेवा मामलों में उसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.
Delhi News: दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और नौकरशाहों के बीच जारी खींचतान के बीच विधानसभा की एक समिति ने विशेष सचिव सतर्कता वाईवीवी जे राजशेखर के ओबीसी प्रमाणपत्र को सत्यापित करने के लिए हाल में उनके गृहनगर का दौरा किया. दरअसल, दिल्ली अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सिविल सेवा के निलंबित दानिक्स अधिकारी राजशेखर के खिलाफ प्रेमनाथ ने जून में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने 1994 में सिविल सेवा परीक्षा देते समय ‘‘फर्जी’’ ओबीसी प्रमाणपत्र जमा किया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजशेखर इस वर्ग से संबंध नहीं रखते हैं.
दिल्ली विधानसभा की ओबीसी कल्याण समिति ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए राजशेखर को उसके समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. राजशेखर समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, लेकिन उन्होंने समिति से कहा था कि मौजूदा नियमों के अनुसार सेवा मामलों में उसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. इस विषय पर राजशेखर ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
बार-बार नोटिस जारी पर भी पेश नहीं हुए राजशेखर
आप विधायक मदन लाल की अध्यक्षता में विधानसभा की ओबीसी कल्याण समिति की तीन सदस्यीय उप समिति ने इस सप्ताह की शुरुआत में राजशेखर के जाति प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए विशाखापत्तनम और अंकापल्ली का दौरा किया था. मदनलाल ने कहा कि समिति ने राजशेखर को ‘‘कई नोटिस’’ जारी किए, लेकिन वह उसके समक्ष उपस्थित नहीं हुए. उन्होंने कहा कि समिति ने इसके बाद सेवाओं और सतर्कता विभागों से जानकारी मांगी लेकिन उनके संबंधित सचिवों ने कोई जानकारी नहीं दी और न ही वह समिति के समक्ष पेश हुए.
समिति के अध्यक्ष मदनलाल ने कहा कि, ‘‘समिति के सदस्य विशाखापत्तनम गए, जहां उन्हें पता चला कि अंकापल्ली अब आंध्र प्रदेश में एक अलग जिला है. राजशेखर अंकापल्ली के रहने वाले हैं. अंकापल्ली के अधिकारियों ने उप समिति के साथ सहयोग नहीं किया और इस विषय पर कोई जानकारी नहीं दी.’’ लाल ने कहा कि समिति अब अगली बैठक में भावी रणनीति तय करेगी. उन्होंने कहा ‘‘ये तीनों- यूपीएससी, डीओपीटी, एमएचए- दिल्ली विधानसभा से 10 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित हैं, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि आप विधायकों ने आंध्र प्रदेश में अधिकारी के जाति प्रमाण पत्र को सत्यापित करने के लिए 2,000 किलोमीटर की यात्रा करने का विकल्प चुना.’ आप विधायक सहीराम और नरेश यादव उप समिति के अन्य सदस्य हैं.
राजशेखर को बनाया जा रहा निशाना!
सूत्रों ने आरोप लगाया कि राजशेखर को आम आदमी पार्टी ने निशाना बनाया है, क्योंकि वह दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार से संबंधित कई जांच की निगरानी कर रहे थे. राजशेखर का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने दानिक्स कैडर अधिकारी के रूप में किया था. सूत्रों ने कहा कि यूपीएससी, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और गृह मंत्रालय (एमएचए) प्रारंभिक नियुक्ति के समय अधिकारियों के दस्तावेजों को सत्यापित करते हैं और उन्होंने 30 साल पहले राजशेखर के सेवा में शामिल होते समय उनके जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया था.
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