Delhi Assembly Update: एक दिन पहले यानी 16 जनवरी से दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र जारी है. विधानसभा सत्र के पहले दिन एक घंटा भी सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी. आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में पक्ष विपक्ष के रूप में टकराव कम होने की बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से राजधानी का विकास रथ और भविष्य नीति पर गंभीर संकट मंडरा रहा है. इसके अलावा, आज भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी सदन में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है. 


पहले दिन बीजेपी ने ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ आम आदमी पार्टी को राजधानी में बढ़ते प्रदूषण मामले पर घेरने का प्रयास किया, वहीं एलजी पर सरकार के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए सदन से लेकर एलजी आवास सड़क मार्ग तक आम आदमी पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन किया.


आज इन मुद्दों पर बीजेपी-आप में टकराव की आशंका


विधानसभा सत्र दूसरे दिन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार, राजधानी में प्रदूषण संकट, दिल्ली स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य विषयों पर घेरने का प्रयास करेगी. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से काले कपड़े के साथ आम आदमी पार्टी के नीतियों का विरोध किया जा सकता है. 


वहीं, आम आदमी पार्टी का एलजी वीके सक्सेना से तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. कल के दिन जहां विदेश में शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी नेताओं ने विधानसभा से लेकर सड़कों तक प्रदर्शन किया, वहीं आज भी माना जा रहा है की आम आदमी पार्टी के विधायक उपराज्यपाल के दिशानिर्देशों और विभागों में फंड न मिलने को लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं.


कब ली जाएगी दिल्ली वालों की सुध
नगर निगम चुनाव मतगणना होने के महीनों बाद भी मेयर, डिप्टी मेयर, स्थाई समिति सदस्यों का चुनाव नहीं हो सका. लगातार इसको लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने है, जिसकी वजह से निचली सदन की कार्यवाही पूरी तरह बाधित है. वहीं विधानसभा में भी सदन की कार्यवाही पूरी न हो पाना दिल्ली की जनता के लिए बड़ा नुकसान है. राजनीतिक विरोधाभास की वजह से दिल्ली की मूलभूत सुविधाओं के वास्तविक चर्चा का अभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है. अब देखना होगा कि पक्ष विपक्ष द्वारा आरोप-प्रत्यारोप को एक तरफ रखते हुए दिल्ली वालों की सुध कब तक ली जाती है.


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