Delhi Assembly Session 2024: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में 10 हजार बस मार्शल्स की पक्की नौकरी पर सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा पहले बस मार्शलों का वेतन रोका गया. फिर नौकरी से निकाला और अब मार्शलों की पुनः बहाली पर भी अड़ंगा लगा रहे हैं. 


उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा एलजी को बस मार्शलों को पक्का करने और तब तक बसों में उनकी यथास्थिति तैनाती का प्रस्ताव भेजे 2 हफ्ते बीत गए, लेकिन उन्होंने मार्शलों की बसों में नियुक्ति के प्रस्ताव पर कोई जबाव नहीं दिया.


सीएम आतिशी ने कहा, "एलजी विनय कुमार सक्सेना महिलाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण इस प्रस्ताव को जल्द पास करें. ताकि बसों में फिर से मार्शलों की तैनाती हो सकें. सीएम आतिशी ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को चुनौती देते हुए कहा कि वे बस मार्शलों के नियुक्ति के प्रस्ताव पर एलजी से साइन करवा लाएं. मैं उनके लिए चुनाव प्रचार करूंगी."


सीएम आतिशी ने कहा कि बस मार्शल का मुद्दा मेरे दिल के बहुत करीब है. ये इसलिए मेरे दिल के बहुत करीब है क्योंकि मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. मैंने अपने स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली से की. कई सालों तक दिल्ली में नौकरी की. इस दौरान बस में सफर के दौरान जिन परेशानियों का महिलाएं सामना करती हैं, उसके अनुभवों का मुझे वह भलीभांति ज्ञान है. 


उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल वो पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने दिल्ली की महिलाओं का दर्द समझा. इससे पहले किसी सरकार ने ये नहीं सोचा था कि बसों में मार्शल लगाए जाएं. बसों में महिलाओं से होने वाली बदतमीजी को रोका जाए, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने ऐसा सोचा."


उन्होंने कहा कि, "2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद, अरविंद केजरीवाल जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने हर बस में मार्शल लगाने की प्रक्रिया शुरू की. इस प्रक्रिया में समय लगा लेकिन दिल्ली के हर डीटीसी बस में मार्शल तैनात किए गए." 


ये भी नहीं सोचा कि मार्शलों का क्या होगा?


मार्च 2023 से बस मार्शलों की तनख्वाह रोक दी गई. दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने बार-बार लिख कर भेजा, आदेश दिए, एलजी साहब की चिट्ठी लिखी कि बस मार्शलों को तनख्वाह दी जाए. लेकिन मार्शलों को तनख्वाह नहीं दी गई. अक्टूबर 2023 में एलजी साहब ने सभी बस मार्शलों को 10 हजसा बस मार्शलों के बारे में नहीं सोचा कि उनका क्या होगा?


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