Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में आज भी हंगामें के आसार, शिक्षकों को विदेश भेजने के मुद्दे पर रार
Delhi Assembly: सत्ता पक्ष और विपक्ष का अपने-अपने मुद्दों से पीछे न हटने की वजह से दिल्ली विधानसभा सत्र के अंतिम दिन भी पहले दो दिनों की तरह हंगामे के बीच समाप्त होने के आसार हैं.
Delhi assembly News: दिल्ली विधानसभा तीन दिवसीय सत्र का आज अंतिम दिन है. पहला और दूसरा दिन हंगामे और सत्ता व विपक्ष के बीच हंगामे और बीजेपी (BJP) विधायकों को सदन से बाहर निकालने में ही गुजर गया. दूसरे दिन सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सदन के पटल पर अपनी बातें दमदार तरीके से रखी. उन्होंने एलजी पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि वो जो कर रहे हैं, वैसा फैसला लेने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. खास बात यह है कि पिछले दो दिनों के दौरान दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में जनता के हित में कोई भी अहम प्रस्ताव पारित नहीं हुए न ही आज ऐसा कुछ होने की संभावना है.
अंतिम दिन भी हंगामे के बीच ही गुजरने की आंशका है. ऐसा इसलिए कि बीजेपी विधायक भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के साथ सीएम के इस्तीफे पर अड़े हैं, तो सत्ता पक्ष (AAP) के विधायक एलजी (LG VK Saxena) के कामकाज के तरीके से परेशान हैं. आप के विधायकों का एलजी के खिलाफ मार्च का भी उपराज्यपाल पर कोई असर नहीं है.
जनहित में कुर्बानी देने को भी तैयार : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एलजी विनय सक्सेना पर जमकर हमला बोला. खासतौर से उन्होंने सरकारी स्कूल के टीचरों को ट्रेनिंग के फिनलैंड भेजे जाने को लेकर एलजी वीके सक्सेना के रुख पर जमकर बरसे. उन्होंने एलजी पर आरोप लगाया कि वो नहीं चाहते कि गरीबों के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले. सीएम केजरीवाल यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने उपराज्यपाल की तुलना अंग्रेजी शासन के वायसराय से की. उन्होंने कहा कि अगर चुनी हुई सरकारों के पास कोई शक्ति ही नहीं होगी तो आजादी की लड़ाई ही क्यों लड़ी गई थी? इसलिए थोड़ी न कि वायसराय (Viceroy) जाएगा और उपराज्यपाल (Lieutenant General) आ जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनतंत्र को और देश की आजादी को बचाने के लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी, हम देंगे. दिल्ली की आम जनता के हित में हर वो काम करेंगे जो करने की जरूरत है.
इन मुद्दों पर नहीं हुई कोई बहस
बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार, टीचर्स को ट्रेनिंग के विदेश भेजने, स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी परियोजनाएं, अनधिकृत कॉलोनियों के विकास, प्रदूषण से निजात दिलाने जैसी कई परियोजनाओं पर काम रुकी हुई हैं,लेकिन इन मसलों पर विधानसभा में न तो कोई बहस हुई, न ही होने सत्र के अंतिम दिन ऐसा होने की संभावना है.
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