Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना  (Vinai Kumar Saxena) द्वारा आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को लिखी कथित चिट्ठी का मामला विवादों में घिर गया है. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने ऐसी किसी भी चिट्ठी के मिलने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि, उपराज्यपाल मीडिया छाप बनते जा रहे हैं. साथ ही एक पार्टी के लिए टूल के तौर पर काम कर रहे हैं.


'उपराज्यपाल अंधेरे में लाठी मार रहे'


विधानसभा अध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, 'मैं बताना चाहूंगा कि मुझे आज तक किसी भी तरह का कोई पत्र राज्यपाल द्वारा नहीं मिला है. आरोप पत्र या शिकायत फाइल मिलने के बाद ही अपने विवेक से मैं कोई निर्णय लेने की स्थिति में रहूंगा. बड़े अचरज की बात यह है कि कोई भी गोपनीय पत्र मेरे पास आने से पहले मीडिया के पास पहुंच जाते हैं. उपराज्यपाल की संवैधानिक पद की गरिमा धूमिल हो रही है. उपराज्यपाल अंधेरे में लाठी मार रहे हैं.' 


'बीजेपी का टूल बन रहे हैं LG'


राम निवास गोयल ने आगे कहा कि, 'इस पूरे मामले में उपराज्यपाल की क्या मंशा है किस तरह का षड्यंत्र है कुछ नहीं कहा जा सकता है. उपराज्यपाल मीडिया में माहौल बनाने का काम कर रहे रहे हैं. पत्र के आधार पर ही कोई एक्शन हो सकता है. उपराज्यपाल पद की गरिमा को भूलकर एक राजनेता की तरह काम कर रहे हैं. उपराज्यपाल साहब बीजेपी के हाथों के टूल बन रहे हैं. विधानसभा कोई पॉलिटिकल पार्टी की दुकान नहीं है संवैधानिक संस्थान है.'


मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली नगर निगम चुनाव में टिकट के बदले रिश्वत मांगने के मामले में मॉडल टाउन से आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियोजन की मंजूरी देने के लिए सतर्कता विभाग के अनुरोध को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के पास भेजा था.



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