Delhi Politics: दिल्ली में अब विधानसभा सत्र बुलाने पर LG और सरकार में तकरार, AAP ने लगाया अपमान का आरोप
Delhi: दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने आरोप लगाया कि सदन की गरिमा और शक्ति कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आदेश दिया.
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Delhi Assembly Special Session: आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) का एक दिवसीय सत्र बुलाने पर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) की आपत्ति को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया. आप ने समिति को यह जांच करने के लिए भी अधिकृत किया कि क्या सक्सेना को इस मामले में तलब किया जा सकता है.
सदन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को ‘एक दिवसीय सत्र’ बुलाने के मुद्दे पर भेजे गए ‘नोट’ को लेकर सक्सेना पर निशाना साधा. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 62 सदस्य हैं. सत्तारूढ़ दल आप के विधायकों ने आरोप लगाया कि सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाने पर सक्सेना की आपत्ति सदन का ''अपमान'' है और यह उनके संवैधानिक पद के अनुरूप नहीं है.
उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने लगाया ये आरोप
सदन की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला ने आरोप लगाया कि सदन की गरिमा और शक्ति कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने इस मामले को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आदेश दिया. बिड़ला ने कहा कि समिति को इस बारे में भी गौर करना चाहिए कि क्या उपराज्यपाल को इस मामले में तलब किया जा सकता है. उपराज्यपाल सक्सेना ने राज्य विधानसभा का एक-दिवसीय सत्र बुलाने में ‘प्रक्रियागत खामियों’ को लेकर रविवार को चिंता जताई थी.
राज्यपाल ने किया था ये सवाल
उन्होंने सवाल किया था कि दिल्ली मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार सत्र के सत्रावसान और 'एक दिवसीय सत्र' बुलाने का प्रस्ताव पेश करने के बजाय जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 के किस प्रावधान के तहत सातवीं विधान सभा के चौथे सत्र (बजट सत्र) के दूसरे भाग का सत्र आहुत किया गया. उन्होंने सरकार को सलाह दी, ‘‘उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना 17 अप्रैल को चौथे सत्र का प्रस्तावित दूसरा भाग आहूत किया जा रहा है, जो नहीं बुलाया जाना चाहिए.’’
सदन की बैठक की अध्यक्षता कर रही बिड़ला ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया. उन्होंने कहा, ‘‘समिति को जांच करनी चाहिए और रिपोर्ट देनी चाहिए कि क्या विशेषाधिकार का हनन और अवमानना हुई है और क्या माननीय उपराज्यपाल को समिति के समक्ष तलब किया जा सकता है?.’’
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