Delhi News: राजधानी दिल्ली में सालों से पानी का संकट गहराता जा रहा है और अब इसको लेकर खुद सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायक ने सदन में इस बात जोर शोर से रखते हुए कहा कि ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र में लोग गंदा, गटर और बदबूदार पानी पीने को ही मजबूर हैं. इसकी प्रमुख वजह यह है कि दिल्ली जल बोर्ड के पास पर्याप्त फंड नहीं है. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि लगभग हर विधानसभा के जल बोर्ड का बजट नेगेटिव में है. इसकी वजह से ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं.
'दिल्ली जल बोर्ड का फंड नेगेटिव में'
आम आदमी पार्टी के दिल्ली बिजवासन से विधायक भूपेंद्र सिंह जून ने दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान पानी संकट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लगभग ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र में पानी का संकट है. लोग बदबूदार, गंदा और गटर का पानी पीने के लिए मजबूर है. जिससे ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं और उसमें बच्चे और बुजुर्ग अधिक संख्या में है. जब इसको लेकर दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से समस्या के समाधान के लिए कहा जाता है. तो जवाब के तौर पर वह कहते हैं कि हमारे पास पर्याप्त फंड नहीं है और यह समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इससे जनता का दैनिक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है पानी जीवन के लिए सबसे उपयोगी है. हम एक दिन भी इसके बिना नहीं रह सकते. परेशान जनता गंदा पानी लेकर विधायक के कार्यालय तक पहुंचती है. बहुत सारे क्षेत्रों में 30-40 साल पुराने पाइपलाइन है जिनको बदलने के लिए सारी तैयारी कर ली गई है लेकिन फंड के बिना कार्य रुके हैं. सरकार से अपील करते हुए विधायक भूपेंद्र ने कहा कि तत्काल फाइनेंस डिपार्टमेंट को फंड जारी करने के लिए दिशा निर्देश दें जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित हो सके.
हजारों करोड़ का कौन पानी पी गया?
विधायक द्वारा पानी संकट को लेकर सदन में आवाज उठाने पर बीजेपी ने आप को घेरना शुरू कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की तरफ से कहा गया कि 8 वर्षों में दिल्ली जल बोर्ड को 72 हजार करोड़ का घाटा हुआ है और अब कंगाली की ऐसी हालत है कि आम आदमी पार्टी के विधायक भी सच्चाई बोलने के लिए मजबूर हो गए हैं. अधिकांश समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या जेल में बंद पूर्व मंत्री सचिन जैन इसके अध्यक्ष रहे, क्या कुछ और भी कहने की जरूरत है. इसकी जांच होनी चाहिए कि जल बोर्ड का हजारों करोड़ों का पानी कौन पी गया.
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