Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा में उठा भ्रष्टाचार का मुद्दा तो AAP मंत्री बोले- 'मेरे पास ताकत नहीं कि किसी को सजा दूं'
Delhi Vidhan Sabha Satra: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कॉट्रैक्ट सरकारी नियमों के मुताबिक मिनिमम बोली लगाने वालों को दिया जाता है. ऐसे में भ्रष्टाचार होता है और कर्मचारियों को कम पैसे मिलते हैं.
Delhi News: दिल्ली विधानसभा विशेष सत्र (Delhi Assembly Session) के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से जारी है. सदन में कई विधायकों ने दिल्ली सरकार से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. एक विधायक ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन से कम पैसों को भुगतान निजी कंपनियों या ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है. विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज नेकहा कि मेरे पास कोई ताकत नहीं कि ऐसे मामलों के दोषियों को सजा दे दूं. ये अधिकार एलजी के पास है. वहीं इसका समाधान निकाल सकते हैं. समाधान यह है कि कर्मचारियों को मिनिमम वेज मिल रहे हैं या नहीं, इसे तय करने के इक्सील समाधान है.
वहीं, दिल्ली सरकार के कई विभागों में ठेका कर्मियों को मिनिमम वेज से कम पैसे मिलने के MLAs के सवाल पर मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि यह बात कई बार याचिका समिति में भी आई है. उन्होंने कहा कि कॉट्रैक्ट सरकारी नियमों के मुताबिक ही मिनिमम बोली लगाने वालों को दिया जाता है. ऐसे में भ्रष्टाचार होता है और कर्मचारियों को कम पैसे मिलते हैं. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वित्त विभाग में एक अधिकारी है, जो समस्या की पूरी जड़ है. उसके कारण यह पूरी समस्या है. हमारे पास समाधान है कि हम इक्सील के जरिए कर्मियों की भर्ती कर सकते हैं, लेकिन उसमें भी यह अधिकारी रोड़ा अटका रहा है. वित्त विभाग के इस अधिकारी की वजह से सारे फंड रुके रहते हैं. दिल्ली सेवा कानून लागू होने के बाद मेरे पास पास ताकत नहीं कि किसी को सजा दे सकूं.
आप विधायक ने लगाए मीडिया पर गंभीर आरोप
शुक्रवार को बहस के दौरान आप विधायक बीएस जून ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जो भी मुद्दा उठाया जा रहा है, उसे सदन से बाहर मीडिया में यह कह कर प्रसारित किया जा रहा है कि विधायक सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं. एक चैनल के एंकर हैं, जिन्होंने जल बोर्ड और अस्पतालों से जुड़े विधायकों के सवालों को हमारी सरकार और मंत्री के खिलाफ ही कह कर प्रसारित किया जा रहा है. इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए. डिप्टी स्पीकर ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजने की अनुमति दी.
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