Delhi News: राजधानी दिल्ली में ऑटो और टैक्सी का सफर महंगा हो सकता है? दरअसल दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर कई ऑटो टैक्सी यूनियन ने दिल्ली सरकार से किराए में बढ़ोतरी की मांग की है, जिसको लेकर दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग एक कमेटी बनाने जा रहा है जो किराए में बढ़ोतरी और ऑटो-टैक्सी यूनियन की तमाम समस्याओं को लेकर सरकार को सुझाव देगी.


परिवहन मंत्री ने क्या कहा
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की ओर से यह जानकारी दी गई कि दिल्ली में ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण ऑटो टैक्सी यूनियन किराए में संशोधन की मांग कर रहे हैं, और उनकी इन चिंताओं को केजरीवाल सरकार समझती है. जिसको देखते हुए परिवहन विभाग जल्द ही एक कमेटी गठित करने जा रहा है जो समयबद्ध तरीके से अपनी सिफारिशें सरकार के सामने पेश करेगी. परिवहन मंत्री की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद साफ लग रहा है कि राजधानी में आने वाले दिनों में ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ सकता है.


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यूनियन जाएगा हड़ताल पर
वहीं दूसरी तरफ सीएनजी की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर टैक्सी यूनियन ने 18 अप्रैल से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. 'दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोटर्स एसोसिएशन' का कहना है कि काफी लंबे समय से यूनियन कई मांगों को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार के पास जा रहें हैं, लेकिन हमारी मांगों को अनसुना किया जा रहा है. अब सीएनजी की बढ़ती कीमतों के चलते ऑटो और टैक्सी चालकों के ऊपर दोहरी मार पड़ने लगी है. पहले से ही कोरोना के कारण चालक आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं. अपना घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में सरकार ना तो सीएनजी पर सब्सिडी दे रही है और ना ही हमारी मांगों को माना जा रहा है. यूनियन का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में चक्का जाम करेंगे.


सीएनजी की बढ़ी कीमत
बता दें कि दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में फिर से इजाफा हुआ है. प्रति किलो सीएनजी पर ढाई रुपए की बढ़ोतरी की गई है. इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमत 71. 61 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है. इस महीने सीएनजी की कीमतों में यह चौथी बार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद कुल मिलाकर सीएनजी पर 10.80 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. इन बढ़ती कीमतों को लेकर ऑटो टैक्सी चालकों का कहना है कि उनके लिए इस महंगाई में अपना घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है.


सरकार की मंशा ठीक नहीं-यूनियन
वहीं दिल्ली सरकार के किराए में बढ़ोतरी की आशंकाओं को लेकर ऑटो टैक्सी यूनियन का कहना है कि कहीं ना कहीं किराए में बढ़ोतरी को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं लग रही है क्योंकि किराए में बढ़ोतरी के बाद ओला और उबर को इसका फायदा होगा. सरकार को किराए में बढ़ोतरी के साथ ओला और उबर टैक्सी के किराए को भी तय किया जाना चाहिए. ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट यूनियन का कहना है कि दिल्ली सरकार में ऑटो टैक्सी किराया बढ़ोतरी से ओला उबर कंपनियों को फायदा पहुंचाने की मंशा छुपी हुई है क्योंकि पिछले 7 सालों से जो मांगे चालक कर रहे हैं उन मांगों को सरकार नजरअंदाज कर रही है, और अब सीधे किराए में बढ़ोतरी किए जाने की बात कही जा रही है.


इनका किराया बढ़ाने की मांग
यूनियन का कहना है कि साल 2019 में सरकार ने पहले ही किराए में बढ़ोतरी की थी जबकि दिल्ली में चलने वाली काली-पीली टैक्सी और इकोनामिक रेडियो टैक्सी का किराया पिछले 9 सालों से नहीं बढ़ाया गया है. साल 2013 में ही इन टैक्सी के किराए में वृद्धि हुई थी और तब से लेकर अब तक इनके किराए में बढ़ोतरी नहीं हुई है. अगर सरकार किराए में बढ़ोतरी करना चाहती है तो काली-पीली टैक्सी और इकोनामिक रेडियो टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी की जानी चाहिए ताकि ये टैक्सी चालक  इस महंगाई के दौर में अपने परिवार का अच्छे तरीके से पालन पोषण कर सकें.


ये भी हैं यूनियन की मांगें
इसके साथ ही ऑटो टैक्सी यूनियन का कहना है कि पिछले कई सालों से हमारी मांगे लंबित हैं जिनको लेकर दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार कोई भी सुनवाई नहीं कर रही है, जिसमें कि पैनिक बटन की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए, स्पीड गवर्नर की चेकिंग के नाम पर 2500 रुपए की वसूली चालकों से बंद होनी चाहिए, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीजल बस और टेंपो ट्रैवलर को 10 साल की वैधता दी जानी चाहिए, दिल्ली में डीजल पेट्रोल और सीएनजी पर वैट कम किया जाना चाहिए, सीएनजी गैस के लिए चालकों को सब्सिडी मिलनी चाहिए, दिल्ली में पेट्रोल डीजल और सीएनजी को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, इस तरीके की तमाम मांगों को लेकर दिल्ली में अलग-अलग ऑटो-टैक्सी यूनियन ने 18 अप्रैल को हड़ताल किए जाने की घोषणा की है.


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