दिल्ली के बेबी केयर सेंटर अग्निकांड में 7 बच्चों की मौत, रोते-बिलखते माता-पिता ने सुनाई आपबीती
Delhi Children Hospital Fire Tragedy: गाजियाबाद की विनिता सरोज ने कहा कि 15 मई को हल्का फीवर था तब लेकर आए थे. कल दोपहर में मिलकर गए थे. अब हमारा बच्चा नहीं मिल रहा हमें हमारा बच्चा चाहिए.
Delhi Children Hospital Fire: दिल्ली में बच्चों के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में शनिवार (25 मई) को देर रात आग लगने से सात नवजात मासूमों की मौत हो गई है. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, इस दर्दनाक हादसे में 12 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था, जिनमें से सात ने दम तोड़ दिया. वहीं पांच बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं और एक वेंटिलेटर पर है. वहीं इस घटना के बाद बच्चों के परिजनों ने आखों देखा हाल बताया.
बच्चों को बचाने वाले अंकित बंसत ने बताया कि बहुत ज्यादा आग थी. 100 मीटर तक कोई जा नहीं सकता था. नर्स बैक साइड वाले गेट से निकल रहीं थी. उन्होंने बताया था कि 11 बच्चे हैं. हमने बच्चों को निकाला. कुछ लोग बच्चों को अपनी गाड़ियों में लेकर गए. एंबुलेंस में बच्चों को दूसरे हॉस्पिटल भेज दिया. शुरू के 3-4 बच्चे तो ठीक थे, लेकिन बाद के बच्चे धुएं के कारण काले हो गए थे. उन्हें ज्यादा दिक्कत आई थी. उन्होंने बताया कि सिलेंडर फटने की आवाज बाहर तक सुनाई दी थी.
#WATCH | Delhi Baby Centre Fire Incident: Sumit, a relative of a newborn baby admitted at the New Born Baby Care Hospital says, "My brother's child was admitted here on May 20. We went to the police station and asked them for information, they asked us to go to the hospital for… pic.twitter.com/Crdn4QgaIo
— ANI (@ANI) May 26, 2024
बच्चों के परिजनों ने क्या कहा?
वहीं अब हॉस्पिटल के बाहर कई महिलाएं पहुंच रही हैं, जिनका बच्चा इस न्यू बॉर्न बेबी हॉस्पिटल में एडमिट था. वो बच्चे के लिए तड़प रही हैं और बोल रही हैं कि जैसे अपनी जान बचाई वैसे ही बच्चों की जान बचा सकते थे. हॉस्पिटल के बाहर अनिता नाम की महिला ने कहा कि परसों से हमारा बच्चा एडमिट था. बच्चा 17 दिन का हो गया था. आज तीसरा दिन हो गया होता, कल दोपहर में दो बजे मिल कर गए. इसके बाद न्यूज पेपर से पता चला. रात में तीन बजे से फोन मिला रहे हैं कोई उठा नहीं रहा है.
वहीं गाजियाबाद की विनिता सरोज ने कहा कि 15 मई को हल्का फीवर था तब लेकर आए थे. कल दोपहर में मिलकर गए थे. शाम को जब फोन किया तो हॉस्पिटल वाले कहते हैं कि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया है. फिर शाम को मिलकर जाते हैं. वहीं अब सुबह से फोन नहीं उठ रहे हैं. डॉ भगवान की तरह हैं. हमारा बच्चा नहीं मिला हमें हमारा बच्चा चाहिए.
#WATCH | Director, Delhi Fire Department, Atul Garg says, "...It was a very tough operation. We made two teams. One team started firefighting because there was a blast of cylinders, we can say the chain of blast of cylinders. So we had to save ourselves also. We started rescue… https://t.co/byEpTHfopm pic.twitter.com/NQoed376S8
— ANI (@ANI) May 26, 2024
वहीं एक और नवजात बच्चे की मां का कहना है कि मेरा बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था. मेरे बच्चे को केवल बुखार था. वहीं नवजात शिशु के एक रिश्तेदार का कहना है कि कल हमने अपने बच्चे को देखा. वो हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे. हमें कोई जानकारी नहीं मिल रही है. डीएनए टेस्ट के बाद हम पहचान पाएंगे कि यह हमारा बच्चा था या नहीं.