(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi News: दिल्ली के बेगमपुर में मकान की छत ढहने से दो लोगों की मौत, 15 दिन पहले ही किराए पर लिया था घर
दिल्ली के बेगमपुर इलाके में एक मकान की छत ढहने से मकान में सो रहे पिता-पुत्र की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक वो 15 दिन पूर्व ही वहां रहने आए थे.
Begumpur House Ceiling Collapsed: राजधानी दिल्ली में आज सुबह ही बेहद दर्दनाक खबर सामने आई. दरअसल बेगमपुर इलाके में एक मकान की छत गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया. घायल व्यक्ति को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया है.
बता दें कि केवल 15 दिन पहले किराए के मकान में रहने आए पिता केदार जिनकी उम्र 60 वर्ष थी और पुत्र सोनू जिनकी उम्र 30 वर्ष थी, सुबह 5 बजे सो रहे थे जब ये हादसा हुआ. मकान के पहले मंजिल की छत अचानक भरभरा कर गिर गई. कमरे में सो रहे दोनो लोगों की मृत्यु मौके पर ही हो गई. उनकी चीखें पड़ोसियों ने सुनी, वे उन्हें और मकान में मौजूद दो और लोगों को बचाने की कोशिशों में जुट गए लेकिन पिता और पुत्र को जब तक मलबे से बाहर निकाला गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. तीसरे व्यक्ति प्रमोद को जैसे-तैसे निवासियों ने मलबे से बाहर निकाला, वो जिंदा तो बच गए हैं लेकिन फिलहाल सर पर लगी गंभीर चोट के कारण जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. वहीं चौथे व्यक्ति अनिल सुरक्षित हैं.
पड़ोसियों और निवासियों ने बचाई दो लोगों की जान
पड़ोसियों के अनुसार पिता और पुत्र करीब 15 दिन पहले ही इस इलाके में किराए पर रहने आए थे. रेस्क्यू करने वाले दूसरे पड़ोसी बताते हैं कि हमें सुबह जोर से मकान गिरने की आवाज आई, हम भागे तो मलबे में दबे इन सभी लोगों के चिल्लाने की आवाज आई. बचाने की बहुत कोशिश करने के बावजूद वो जिंदा बाहर नहीं आ पाए. एंबुलेंस और फायर भी यहां वक्त से पहुंच गई थी. निवासियों से बात करने पर हमें ये भी जानकारी मिली कि बेगमपुर इलाके में साल भर पानी भरा रहता है, जो घरों की नींव को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार है. जानकारी के अनुसार मकान बेहद पुराना और कमजोर था.
दिल्ली में लगातार हो रहे हैं ऐसे हादसे
उत्तरी दिल्ली के मलका गंज इलाके में बीते वर्ष सितंबर महीने में एक इमारत के गिरने से 2 बच्चों समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 8 अगस्त को उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी इलाके में दो मंजिला इमारत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए थे. दिल्ली में इस तरह के हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन के सख्त नियमों का दखल शायद भविष्य में होने वाले ऐसे हादसों को रोक सकता है.
यह भी पढ़ें-