Virendra Sachdeva News: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सीएम आतिशी के बयान पर पलटवार किया है. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना का दिल्ली नगर निगम एक्ट एवं व्यवस्थाओं पर बयान पूरी तरह राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है और उनका मकसद केवल भ्रम फैलाना है''.


उन्होंने कहा कि आतिशी का दिल्ली नगर निगम एक्ट एवं महापौर के अधिकारों पर बात करना काफी हास्यास्पद है, क्योंकि यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि वे अपने बयान से नगर निगम स्थाई समिति चुनाव में आम-आदमी पार्टी की हार और पार्टी के पार्षदों के बिखराव से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं.


सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर स्थायी समिति का चुनाव


वीरेंद्र सचदेवा ने सीएम आतिशी के दिल्ली नगर निगम एक्ट की दुहाई देने पर तंज कसते हुए कहा, ''वह तब कहां थीं जब पिछले पौने दो साल से उनकी पार्टी की हठधर्मिता के चलते दिल्ली नगर निगम पूरी तरह ठप्प हो गया. ना तो नगर निगम की लाइफलाइन मानी जाने वाली स्थाई समिति का गठन हुआ और ना ही अन्य संवैधानिक एवं तदर्थ समितियों का गठन, जिसके चलते निगम के अधिकांश काम ठप्प हुए पड़े हैं''.


वीरेंद्र सचदेवा ने पूछा कि मुख्यमंत्री बतायें, क्या दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के गठन की जो प्रक्रिया चल रही है यह महापौर ने चालू की है या यह न्यायालय के निर्देश पर हो रही है''. वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी तो आज भी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति चुनाव नहीं चाहती थी. यह सर्वोच्च न्यायालय के 5 अगस्त 2024 के आदेश के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के दबाव पर हो रहा है.


धारा 45 में नगर निगम की स्थाई समिति का गठन अनिवार्य


वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि जिस दिल्ली नगर निगम एक्ट की सीएम आतिशी आज दुहाई दे रही हैं उसी की धारा 45 में नगर निगम की स्थाई समिति का गठन अनिवार्य है और धारा 487 के अंतर्गत उपराज्यपाल एवं निगमायुक्त को यह शक्ति प्राप्त है कि वह विशेष परिस्थिति में निगम सदन की बैठक भी बुला सकते हैं और उस बैठक का पीठासीन अधिकारी भी नियुक्त कर सकते हैं.


 तुरंत हो दलित मेयर और स्थायी समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति


उन्होंने कहा कि आतिशी दिल्ली सरकार की मुखिया हैं. बेहतर होगा कि दिल्ली नगर निगम एक्ट की व्यवस्थाओं पर वे भ्रम ना फैलाएं और पहले दिल्ली नगर निगम एक्ट को समझ लें. सचदेवा ने सवालिया लहजे में कहा कि आतिशी बताएं कि आज जिस दिल्ली नगर निगम एक्ट में तीसरे वर्ष में दलित महापौर बनाना चाहिए तो आखिर क्यों आम आदमी पार्टी दलित महापौर की नियुक्ति नहीं होने दे रही. उनकी मांग है कि दिल्ली की जनता एवं दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए वे अविलंब दलित महापौर एवं स्थाई समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति सुनिश्चित करें.


ये भी पढ़ें-


दिल्ली में शाही ईदगाह के पास झांसी की रानी की प्रतिमा स्थापित करने का रास्ता साफ, MCD शुरू किया काम