Delhi: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली इकाई (Delhi Unit) ने शुक्रवार (28 जुलाई) को मांग की है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार यमुना में आई बाढ़ से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र बुलाए. बीजेपी ने इसके साथ ही दावा किया कि प्रभावित लोगों के लिए सरकार द्वारा घोषित मुआवजा 'बहुत कम' है. प्रदेश बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से पूछा कि कितने बाढ़ प्रभावित लोगों को उनकी सरकार ने 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी है?


दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से कहा, 'यह मुआवजा उन प्रभावित लोगों के लिए बहुत कम है, जिन्होंने अपना सारा सामान और आजीविका के साधन खो दिए हैं. 10 हजार रुपये से कोई अपना मासिक खर्च भी पूरा नहीं कर सकता. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मांग की कि केजरीवाल सरकार को तुरंत विधानसभा का मानसून सत्र बुलाना चाहिए और राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ पर चर्चा करनी चाहिए.


यमुना खतरे के निशान से हुई ऊपर


केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, दिल्ली में यमुना नदी गुरुवार (27 जुलाई) को खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही थी. हालांकि शाम को यह जलस्तर धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया. यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके बाद नदी का पानी शहर के कई अहम इलाकों में पहुंच गया था. इससे पहले यमुना का जलस्तर सितंबर 1978 में 207.49 मीटर पर पहुंचा था. बाढ़ के कारण 27 हजार से अधिक लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बाढ़ के कारण संपत्ति और व्यवसाय के मामले में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.


सीएम केजरीवाल ने जल्दबाजी में की मुआवजे की घोषणा- वीरेंद्र सचदेवा


सीएम केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 16 जुलाई को एक ट्वीट के माध्यम से जल्दबाजी में 10 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'अगर केजरीवाल बाढ़ के बाद बैठक कर बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं और नुकसान का आकलन करते, तो उन्हें एहसास होता कि उनके द्वारा घोषित 10 हजार रुपये का मुआवजा कितना कम है. उन्होंने दावा किया कि बाढ़ के कारण न केवल यमुना खादर की झुग्गियां बल्कि मजनू का टीला, जैतपुर, सभापुर और गढ़ी मांडू में कंक्रीट की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं.


इन मृतकों के परिजनों को नहीं मिला मुआवजा- वीरेंद्र सचदेवा


वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि सरकार ने उन तीन बच्चों के परिवारों को कोई मुआवजा नहीं दिया जो उत्तर पूर्वी दिल्ली में गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूब गए थे. उन्होंने कहा कि इस एक दूसरे मामले में उस महिला को भी मुआवजा नहीं दिया गया, जिसकी यमुना खादर इलाके में बाढ़ के कारण मजबूरन खुले में रहने के कारण मौत हो गई थी.


बिधूड़ी ने किसानों को एक लाख मुआवजा देने की मांग की


दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दावा किया कि बारिश के कारण दिल्ली के लगभग 50 गांवों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और उन्होंने 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे की मांग की है. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की भी मांग की है.


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