Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अपने आदेश में पूरी तरह बेपर्दा कर दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार अपना चेहरा चमकाने के लिए पिछले आठ सालों में 3 हजार करोड़ रुपये और अपने राजमहल पर 179 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है, लेकिन उसके पास रीजनल रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं है. हकीकत यह है कि शीर्ष अदालत ने सोमवार को दिल्ली सरकार की पूरी तरह से पोल खोलकर रख दी है.
बीजेपी विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली से मेरठ तक बन रहे कॉरिडोर का कुल खर्चा 31 हजार करोड़ से भी ज्यादा है, जबकि दिल्ली सरकार को उसमें से सिर्फ 1138 करोड़ रुपये ही देना है जो कि लगभग 3 फीसदी से भी कम है, लेकिन दिल्ली सरकार की यह बेइमानी है कि वह इतनी राशि भी देने को तैयार नहीं है. जबकि दिल्ली को एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है. कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के इस रवैये पर उसे जोरदार लताड़ लगाई है. इससे पहले जब दिल्ली में पेरिफेरियल रोड बनाया जा रहा था तब भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 3700 करोड़ रुपए का अपना हिस्सा देने से इनकार कर दिया था. केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को नहीं रोका और दिल्ली सरकार द्वारा अंशदान न देने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरा किया.
प्रदूषण के मसले पर झूठ न बोले सरकार
दिल्ली में पेरिफेरियल रोड से ही हजारों ट्रकों का दिल्ली में आना रुका और प्रदूषण कम हो सका. दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए प्रयासों का झूठा दावा करती है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदूषण केंद्र के कारण कम हुआ है. बिधूड़ी ने याद दिलाया कि इसी तरह इसी तरह प्रगति मैदान टनल पर एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा हुआ जिसमें से 20 फीसदी हिस्सा केजरीवाल सरकार को देना था लेकिन उसने नहीं दिया. यह टनल केंद्र के खर्चे पर ही पूरी हुई और आज दिल्ली उसका लाभ उठा रही है. मेट्रो के विस्तार के लिए भी दिल्ली सरकार अपना अंशदान देने से इनकार करती रही हैए जिससे मेट्रो अपने लक्ष्य से पिछड़ गई है.
जनता के खून-पसीने की कमाई का हो रहा दुरुपयोग
सुप्रीम कोर्ट ने ने दिल्ली सरकार को लताड़ते हुए कहा है कि आप अपने प्रचार पर खर्च होने वाली राशि से इस प्रोजेक्ट का भुगतान क्यों नहीं करते. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने तो यहां तक कहा है कि वह इस तरह का आदेश भी जारी कर सकते हैं. बिधूड़ी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की इस प्रकार की चेतावनी बताती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना चेहरा चमकाने के लिए किस तरह अनाप-शनाप खर्च कर रहे हैं, लेकिन जनता के लाभ के लिए और दिल्ली के विकास के लिए जो योजनाएं बनती हैंए उनके लिए वह हाथ झाड़ लेते हैं और कहते हैं कि दिल्ली सरकार के पास पैसा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार जनता के खून-पसीने की कमाई का कैसे दुरुपयोग कर रही है.
दिल्ली से वसूल की जाए उसके हिस्से की राशि
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मांग की है कि आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए तो दिल्ली सरकार से उसके हिस्से की राशि वसूल की ही जाएए साथ ही अब तक की योजनाओं में उसने जो राशि नहीं दीए उसकी वसूली भी की जानी चाहिएएण्भले ही इसके लिए कोर्ट की मदद ली जाए.
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