Arvind Kejriwal Latest News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा रविवार (15 सितंबर)  को यह ऐलान करना कि दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफे दे दूंगा, राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए चौंकाने वाला साबित हुआ. जबकि सियासी दलों के लिए एक तरह से सकते में डालने वाला फैसला है. ऐसा इसलिए कि बीजेपी और कांग्रेस के नेता यह मानकर चल रहे थे कि अरविंद केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन जेल से बाहर आते ही आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के ऐलान से सभी यह सोचने पर मजबूर हैं कि ये क्या हो गया.


फिलहाल, बीजेपी की ओर से अरविंद केजरीवाल के ऐलान को लेकर प्रक्रियाएं आ गई हैं. बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आने के तत्काल बाद एक्स पोस्ट में कहा,  "अरविंद केजरीवाल के लिए जेल से रिहाई, उस रसगुल्ले की तरह है, जो सामने रखा है, पर वो खा नहीं सकते."






वहीं, बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर कहा,  "उन्होंने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का वक्त अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को दिल्ली का सीएम बनाने के लिए लिया है."


मनजिंदर सिंह सिरसा के मुताबिक अरविंद केजरीवाल का सीएम पद से इस्तीफा देने का तथाकथित प्रस्ताव कोई बलिदान का कार्य नहीं है. यह एक और राजनीतिक स्टंट है. जमानत मिलने के बावजूद, अदालतों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण वे मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता का इस्तेमाल जारी नहीं रख सकते.


यह किसी भी मौजूदा सीएम के लिए ऐतिहासिक रूप से सबसे खराब स्थिति है, जिसमें न्यायपालिका ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है, जिससे उन्हें प्रभावी रूप से पद से हटा दिया गया है. भारत ने पहले कभी भी सत्ता में किसी नेता का ऐसा अपमान नहीं देखा है, जो उनकी पार्टी के भ्रष्ट व्यवहार की गहराई को उजागर करता है!


'सोनिया गांधी मॉडल लागू करने की योजना' 


बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने ने कहा, "यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है. उन्हें समझ आ गया है कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्ट नेता की है., आज देशभर में आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के तौर पर जानी जाती है. अपने पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को फिर से बनाना चाहते हैं."


प्रदीप भंडारी ने आगे कहा, "वह सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं, जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाकर पर्दे के पीछे से सरकार चलाई थी. उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वह किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं."


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