Delhi News: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित विधेयक (Delhi Ordinance Row) को आज लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किया जा सकता है. इसको लेकर देश की राजधानी में सियासी संग्राम चरम पर है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी से दिल्ली घोंडा के विधायक अजय महावर ने दिल्ली सीएम पर बड़ा जुबानी हमला बोलते हुए उन्हें ही दिल्ली अध्यादेश लाने की नौबत पैदा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इससे पहले आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के प्रगतिशील नीतियों से भयभीत होकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा असंवैधानिक तरीके से यह अध्यादेश लाया जा रहा है.
दिल्ली के घोंडा विधानसभा सीट से विधायक अजय महावर (Ajay Mahavar) ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि सीएम केजरीवाल केवल विवादों के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले भी दिल्ली और केंद्र में अलग-अलग सरकारें रही हैं. पूर्व सीएम मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग दलों की सरकार होने के बावजूद दिल्ली में विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया गया, लेकिन वर्तमान दिल्ली सरकार का उपराज्यपाल से मनमुटाव लगातार जारी है. इसका सीधा प्रभाव दिल्ली के विकास पर पड़ता दिखाई दे रहा है. राजधानी दिल्ली के हित को प्राथमिकता देकर सीएम केजरीवाल के गैर लोकतांत्रिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा यह अध्यादेश लाया गया है.
दुनिया के हर देश में राजधानी का स्टेटस अलग
दिल्ली अध्यादेश विधेयक 2023 को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के विरोध को गलत बताते हुए कहा कि पूरी तरह से संवैधानिक आधार पर यह बिल लाया गया है. उन्होंने यह भी कहा है कि जिस भी देश में संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार संघीय ढांचा है, उस देश की राजधानी को अलग स्टेटस का दर्जा है. भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था तो दुनिया के लिए उदाहरण है, इसलिए इस विधेयक में विरोध जैसा कुछ भी नहीं है.
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