Delhi Politics: दिल्ली की राजनीति में पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे और पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद साहिब सिंह वर्मा किसी न किसी मुद्दों पर सुर्खियों में बने रहते हैं. अब उन्होंने एक और ताजा बयान देकर गुरुद्वारा से जुड़े मुद्दे को तूल देने की कोशिश की है.
दरअसल, रोहिणी एसडीएम ने एक गुरुद्वारा को नोटिस जारी प्रशासन के आदेशों के अनुरूप ही अपनी गतिविधियां संचालित करने को कहा है. इस बात की जानकारी मिलते ही प्रवेश वर्मा पहले तो एसडीएम पर भड़क उठे, उससे भी मन नहीं भरा तो उन्होंने एक ट्विटकर केजरीवाल सरकार के आदेश को "तुगलकी फरमान" करार दिया है.
केजरीवाल आपके धार्मिक स्थलों को नियंत्रित करेंगे!
बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने अपने ट्विट में लिखा है कि दिल्ली सरकार का नया आदेश "तुगलकी फरमान" जैसा है. अब @अरविंद केजरीवाल जी की सरकार आपके धार्मिक स्थलों को भी नियंत्रित करने का काम करेगी. आगे उन्होंने लिखा है कि इसका प्रमाण ये है कि एसडीएम रोहिणी रोहिणी स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में लोगों के आने और जाने के समय पर पाबंदी लगा दी है.
फिलहाल, एसडीएम के आदेश के खिलाफ बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की इस प्रतिक्रिया पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है. प्रतिक्रिया मांगने पर भी दिल्ली सरकार ने अभी चुप रहना ही बेहतर समझा है. दिल्ली सरकार के रुख से साफ है कि वो इस मसले को तूल नहीं देना चाहती या सिखों का धार्मिक स्थल होने की वजह नाप तौल कर बयान देना चाहती है.
SDM रोहिणी के आदेश में क्या है?
दरअसल, एसडीएम रोहिणी शहजाद आलम ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत एक सशर्त आदेश दिनांक 22.10.2022 को जारी किया था. उस आदेश में कहा गया था कि सड़क पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है. ऐसा ध्वनि प्रदूषण और क्षेत्र में गैर कानूनी गतिविधियां जारी होने की वजह से किया गया है. सभी लोगों से कहा जाता है कि एक सप्ताह के भीतर ऐसी गतिविधियों को बंद कर दें. ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या या किसी को मानसिक पीड़ा न हो.
जहां तक गुरुद्वारे के संचालन के लिए टाइम टेबल तय करने और लोगों के जमा होने पर रोक की बात है तो इस मसले पर विभागीय अधिकारी द्वारा अदालत में अपना पक्ष रखा जा चुका है. एसडीएम ने जिसे अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है, वे अदालत के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष दर्ज करा चुके हैं. अदालत ने विभागीय पक्ष को विस्तार से सुना.
आवासीय फ्लैटों में है गुरुद्वारा
उसके बाद एसडीएम ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि गुरुद्वारा आवासीय फ्लैटों में खोला गया है, इसलिए एक समय में 10 से अधिक व्यक्तियों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए. शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक ही गुरुद्वारा में धार्मिक गतिविधियों के संचालन की इजाजत दी है। इसी तरह सुबह के समय 6 बजकर 45 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट के बीच गुरुद्वारे को खोलने की इजाजत है। सिख समुदाय के महिला भक्तों को गुरुवार को दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से शाम 5 बजकर 30 मिनट तक बिना माइक के पाठ, कीर्तन करने की अनुमति है. एसडीएम की ओर से कहा गया है कि असाधारण यानि विशेष अवसरों जैसे कि गुरुपर्व और गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर कोई समय सीमा नहीं होगी.
छठ पूजा के समय भी विवादों में आये थे बीजेपी सांसद
बता दें कि इससे पहले यमुना घाट पर छठ पूजा के आयोजनों को लेकर भी दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के खिलाफ विवादित बयान दिया था, साथ ही अशोभनीय व्यवहार किया था. उन्होंने कहा था कि छठ महापर्व के आयोजन को लेकर केवल दिखावा हो रहा है. केजरीवाल सरकार ने अभी तक यमुना की सफाई क्यों नहीं कराई.
यह भी पढ़ें: Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध, इसलिए किया है बैन