Delhi Politics: लोकसभा चुनाव 2024 होने में अब सिर्फ एक साल का समय शेष रह गया है. केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी सियासी दल अभी से अपनी-अपनी रणनीति को धार देने जुट गए हैं. बीजेपी की तो साल 2023 की शुरुआत से ही इस मुहिम पर काम जारी है. खासकर दिल्ली बीजेपी की बात करें तो यहां की सभी सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं. इनमें इक्का-दुक्का सांसद को छोड़ दें कि सभी सांसद अब जमीन पर सक्रिय हो गए हैं.


जहां तक दिल्ली बीजेपी की बात है तो पार्टी फिर से सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित कर की कोशिश में जुटी है. इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी जनवरी में ही बिगुल फूंक चुके हैं. 16 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले दिल्ली में एक मेगा रोड शो किया था.


पीएम ने किया था रोड शो
पीएम का रोड शो मध्य दिल्ली में सरदार पटेल मार्ग और एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर के बीच आयोजित किया गया था. इस रोड शो में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य शीर्ष नेता भी इसमें शामिल हुए थे.


पीएम मोदी के इस रोड का मकसद दिल्ली सहित देशभर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक्टिव होने को लेकर बड़ा संदेश देना था. उसके बाद से दिल्ली के सभी सांसद अपने-अपने तरीके से लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं.


ये हैं दिल्ली के 7 सांसद
लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. वर्तमान में दक्षिण दिल्ली से रमेश बिधूड़ी, पश्चिम दिल्ली से प्रवेश वर्मा, उत्तर पश्चिम दिल्ली से हंसराज हंस, पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी, उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी और चांदनी चैक से हर्षवर्धन दिल्ली से सांसद हैं. 


वैसे तो अपने-अपने तरीके से सभी सांसद सक्रिय हैं, लेकिन मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी, हंसराज हंस सबसे ज्यादा जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं, पिछले कुछ समय से पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन भी काफी सक्रिय दिखाई देने लगे हैं. मीनाक्षी लेखी की विदेश राज्य मंत्री होने की वजह से अपने संसदीय क्षेत्र में पहले की तुलना में कम समय दे पाती हैं. रही बात गौतम गंभीर की तो वो जमीनी स्तर से ज्यादा सोशल मीडिया के जरिए लोगों के बीच ज्यादा सक्रिय हैं.
 
कौन कितना प्रभावी?
अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम 2020 के नजरिए से इसका आकलन करें तो पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में बीजेपी सांसद ज्यादा प्रभावी दिखाई देते हैं. ऐसा इसलिए कि दिल्ली के सभी लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा की सीटें हैं. विधानसभा चुनाव में गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्र की चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी आगे रही. यह परिणाम दिल्ली में सबसे बेहतर है. वहीं मनोज तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट के 10 में से दो विधानसभा सीटों पर आगे दिखाई दिए. दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से हंसराज हंस एक-एक सीटों पर आगे रहे. पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी और चांदनी चौक से हर्षवर्धन  की सीटों पर बीजेपी विधानसभा की सभी सीटों पर पीछे रही. साल 2022 नगर निगम चुनाव की बात करें तो 250 वार्डों में से 104 पर सीटें जीतने में सफल हुई थी. जबकि आप 130 सीटें जीतने में कामयाब हुई. 16 सीटों में  से नौ पर कांग्रेस और सात पर अन्य उम्मीद जीते. इस लिहाज से भी बीजेपी की स्थिति इस बार लोकसभा चुनावों में अच्छी नहीं है. ऐसे में ये भी हो सकता है बीजेपी कुछ सीटों पर लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी को ही बदल दे. ऐसा पीएम मोदी और गृह मंत्री रणनीतियों में शुमार है. 


इस बार BJP की क्या है रणनीति
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में भी सभी सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की सियासी महत्वाकांक्षा और सियासी मुद्दों पर टकराव की वजह से सभी सीटों को फिर से रिटेन करना बीजेपी ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. यही वजह है कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बीजेपी नेताओं को अभी से एकजुट होने और मिलकर चुनावी तैयारी करने को कहा है. दिल्ली बीजेपी संगठन में फेरबदल और पंजाबी और बनिया नेताओं की सक्रियता को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. 


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