(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'स्वाति मालीवाल को किया जा रहा बदनाम', दिल्ली BJP चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने लगाया आरोप
Swati Maliwal Case: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के अनुसार विभव कुमार के गिरफ्तार होने के बाद वो दिन दूर नहीं जब आप से जुड़े अनछुए पहलू भी सार्वजनिक हो जाएं.
Swati Maliwal Case: दिल्ली में मतदान का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे ही सियासी दल एक-दूसरे पर हमला करने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं.यही वजह है कि जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ निशाना बना रही है तो बीजेपी भी उनकी दुखती रग पर हाथ रखने का मौका नहीं चूकती. इसी कड़ी में बीजेपी ने बीते दिनों स्वाति मालीवाल प्रकरण को लेकर आम आदमी पर हमला बोला है.
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोप पर बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया है. वीरेंद्र सचदेवा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने स्वाति मालीवाल को बदनाम की कोशिश की है. दो दशक पुरानी साथी के साथ हो रहे इस तरह के व्यवहार पर खुद सीएम को मीडिया के सामने आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्हें, बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है?
और क्या बोले वीरेंद्र सचदेवा
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि जब केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार गिरफ्तार हो गए हैं तो वह दिन दूर नहीं की आम आदमी पार्टी से संबंधित राजनीति के अनछुए पहलू भी सार्वजनिक हो जाएं. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के अनुसार यह आश्चर्य की बात है कि सीएम विभव कुमार को अपने ही घर में छुपा रहे थे, जिससे साफ पता चलता है कि विभव और उनके कितने करीब हैं.
सीएम के करीबी दे रहे प्रोटोकॉल का हवाला
वीरेंद्र सचदेवा के अनुसार स्वाति मालीवाल जो आम आदमी पार्टी की ही सदस्य हैं, उन्हें बदनाम करने की नीयत से कल से सोशल मीडिया समूहों में संपादित वीडियो प्रसारित करवाए जा रहे हैं. सचदेवा ने सीएम पर तंज कसते हुए कहा, "यही स्वाति मालीवाल कुछ समय पहले तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की काफी करीबी थीं. तीन महीने पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ही उन्हें राज्यसभा के सदस्य बनाया था और आज टीम केजरीवाल, मालीवाल की मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए प्रोटोकॉल की बात कर रही है. प्रमुख राजनीतिक दल होने के बावजूद भी बीजेपी के किसी भी सांसद को प्रदेश अध्यक्ष से मिलने के लिए किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना पड़ता."