Delhi News: कांग्रेस के आरोपों पर BJP का पलटवार, वीरेंद्र सचदेवा बोले- 'फिर क्यों...'
Delhi News: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली बीजेपी ने पीपीएसी कमीशन घोटाले का पर्दाफाश उस समय किया था, जब कांग्रेस राजनीतिक गठबंधन में आम आदमी पार्टी के साथ थी.
Delhi News: दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भले ही अभी लंबा समय है, लेकिन प्रदेश के तीनों मुख्य राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव के बाद से ही इसकी तैयारियों में जुट गए हैं. यही वजह है कि सभी दल एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना कर हमलावर बने हुए हैं. साथ ही दिल्ली की दुर्दशा के लिए विरोधी खेमे को जिम्मेदार ठहराने में लगे हुए हैं. दिल्ली की सियासत में चल रही इस तकरार में सभी दल खुद को पाक-साफ और विरोधियों को भ्रष्टाचारी बताने में लगे हुए है.
बीते दिनों दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी बीजेपी की तरह बिजली के बिलों पर लग रहे पीपीएसी और अन्य चार्जों की खिलाफत की. सचदेवा ने आम आदमी पार्टी सरकार और बिजली कंपनियों के साथ इस मामले में बीजेपी को भी दोषी बताया. इस पर अब दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कांग्रेस और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव पर पलटवार किया है.
BJP ने किया पलटवार
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि "यह चौंकाने वाली बात है कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा पीपीएसी लागू करने में भ्रष्टाचार के संबंध में बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. दिल्ली बीजेपी ने पीपीएसी कमीशन घोटाले का पर्दाफाश उस समय किया था, जब कांग्रेस राजनीतिक गठबंधन में आम आदमी पार्टी के साथ थी."
उन्होंने कहा कि "आप और कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों का चुनाव अभियान शराब घोटाला, जल बोर्ड घोटाला और पीपीएसी घोटाले से मिले कमीशन से वित्त पोषित था. ऐसे में आज वह उसी आम आदमी पार्टी की सरकार को भ्रष्ट बता रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष को अगर लगता है कि आप सरकार भ्रष्ट है तो वह अपनी पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी से अरविंद केजरीवाल की जमानत की पैरवी करना क्यों नहीं रोकते?"
पीपीएसी बीजेपी ने हटवाया था- सचदेवा
वीरेंद्र सचदेवा ने पीपीएसी चार्ज को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि "देवेन्द्र यादव को यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे पहले 2011 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने अधिकृत रूप से पीपीएसी लगाया था और बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रपति शासन के दौरान इसे हटवाया था.
वहीं बाद में केजरीवाल सरकार ने इसे फिर से लगा दिया, जो लगातार बढ़ता ही गया और आज 1.5 प्रतिशत से शुरू हुआ पीपीएसी साढ़े 37 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. मौजूदा 8.75 प्रतिशत पीपीएसी के जुड़ने के बाद 46 प्रतिशत के पार हो जाएगा."
सचदेवा का कहना है यह बीजेपी ही है, जिसने इस मुद्दे को उजागर किया और वह कांग्रेस पार्टी थी, जिसने पीपीएसी की शुरुआत की और आज बीजेपी द्वारा इस मामले को उजागर करने के बाद वह बेबुनियाद आरोप लगा रही है. उन्होंने कांग्रेस और आप में सांठ-गांठ होने की बात कही.
उनका कहना है कि "पीपीसीए कमीशन घोटाला समेत अन्य घोटालों के पैसे से ही इंडिया गठबंधन के तहत दिल्ली में उनके सभी सात उम्मीदवारों के चुनावी खर्चों का वहन किया गया था. कहीं न कहीं अभी भी वह साथ हैं, तभी तो अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में उनकी जमानत की पैरवी कर रहे हैं और कांग्रेस उन्हें रोक भी नहीं रही है."