Delhi News: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) दिल्ली ने 19 सितंबर को आदेश जारी कर उप पंजीयकों को निर्देश दिया था कि वे किसी भूखंड पर स्वीकृत इकाइयों की संख्या से अतिरिक्त आवास इकाइयों का पंजीकरण न करें. इसके बाद से दिल्ली संपत्ति पंजीकरण का काम रुक गया था. खासकर अनधिकृत कॉलोनियों में लाखों की संख्या निर्मित आवास का रजिस्ट्रेशन न होने लोगों में बड़े पैमाने पर नाराजगी थी. इस मसले के दिल्ली बीजेपी ने रेरा और एलजी के सामने उठाया था. बीजेपी ने रेरा से आदेश वापस लेने की मांग की थी. 


अब दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पोस्ट एक्स पर लिखा है कि बीजेपी की मांग पर रेरा ने आदेश वापस ले लिया है. हमारी पार्टी ने बीते सप्ताह दिल्ली के रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की सितंबर 2023 की अधिसूचना की निंदा की थी. साथ ही इसे वापस लेने की मांग की थी. बीजेपी की मांग पर RERA Notification वापस लिया गया. अब कल से दिल्ली मे सम्पति पंजीकरण पर से रोक हटेगी और फिर से संपत्ति पंजीकरण शुरू हो जाएगा. 



वीरेंद्र सचदेवा ने रेना के आदेश के बाद दिल्ली की जनता का परेशानी बढ़ने के बावजूद भी सीएम अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सीएम की रेरा के मसले पर बिल्कुल चुप रहे. दिल्ली की जनता इस बात को जानती है. इसके अलावा, दिल्ली की एलजी विनय सक्सेना का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप कर रेरा को नोटिफिकेशन वापस लेने के लिए बाध्य किया है. 


एलजी ने की थी समीक्षा की अपील


बता दें कि दिल्ली के उप-राज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रदेश की रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से अपने आदेश की फिर से समीक्षा करने की अपील की थी. उन्होंने रेरा को बताया था कि नये आदेश में दिल्ली में संपत्तियों का पंजीकरण रुक गया है. ​एलजी ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मंगलवार को राज निवास में मुख्य सचिव और मंडलायुक्त के साथ दिल्ली रेरा के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात भी की थी. राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए उपराज्यपाल ने रेरा से अपने आदेश पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था. राज निवास ने कहा कि उप-राज्यपाल को सांसदों, विधायकों, नगर निगम पार्षदों, नागरिक समाज संगठनों के साथ-साथ आम जनता से बेची और खरीदी गई संपत्तियों के बिक्री कार्यों के पंजीकरण में आने वाली समस्याओं पर प्रतिवेदन और शिकायतें मिल रही हैं. रेना ने 3,750 वर्ग मीटर और उससे अधिक आकार के अन्य भूखंडों की आवासीय इकाइयों की संख्या भी तय कर दी थी. 


रेरा के आदेश में क्या है?


दिल्ली रेरा ने 19 सितंबर 2023 को अपने आदेश में उप पंजीयकों को निर्देश दिया था कि वे किसी भूखंड पर स्वीकृत इकाइयों की संख्या से अधिक निर्मित अतिरिक्त आवास इकाइयों का पंजीकरण न करें. 15 सितंबर, 2023 के बाद स्वीकृत सभी भवन योजनाओं में एक भूखंड पर बनाई जा सकने वाली आवास इकाइयों की कुल संख्या को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए और योजना में प्रत्येक आवास को अलग से चिह्नित किया जाना चाहिए. दिल्ली रेरा के इस आदेश के बाद राजस्व विभाग के उप पंजीयकों ने संपत्तियों का पंजीकरण बंद कर दिया था. रेरा ने अपने आदेश में यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, नयी एनडीएमसी और दिल्ली छावनी बोर्ड जैसे नागरिक प्राधिकरण बिना रसोई के अतिरिक्त आवास इकाइयों के साथ या पेंट्री या स्टोर के साथ निर्माण योजनाओं को मंजूरी दे रहे थे. 


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