30 घंटे तक मलबे के अंदर जद्दोजहद, टमाटर खाकर मिटाई भूख, बुराड़ी हादसे की रोंगटे खड़े करने वाली आपबीती
Delhi News: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई! यह कहावत दिल्ली के बुराड़ी बिल्डिंग हादसे में साबित हो गई. एक परिवार को 30 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बाद आखिर जीवनदान मिल गया.
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Delhi News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक पांच मंजिली निर्माणाधीन इमारत गिरने की घटना के 30 घंटे बाद एक परिवार के चार सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया. परिवार को फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया. होश आने के बाद परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उनके लिए मलबे के अंदर 30 घंटे कैसे थे और उन्होंने कैसे अपनी जान बचाई.
बुराड़ी में सोमवार शाम एक 5 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई. इसमें एक बच्ची भी शामिल है. इस घटना में कुल 12 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मैंने खो दी थी हिम्मत- पीड़ित
पीड़ित व्यक्ति ने एएनआई से बातचीत में बताया, ''हम लोग खाना बनाने के लिए तैयार हो रहे थे. साढ़े छह बजे बिल्डिंग गिर गई. पांच मंजिला इमारत का मलबा अपने ऊपर से कैसे हटाते. मैंने हिम्मत खो दी थी. यहां बचाने वाले बहुत कम थे. अगर मैं किसी का कुछ बिगाड़ा होता तो नहीं बचता. लेकिन मैंने किसी का बुरा नहीं किया और हमेशा माता-पिता की सेवा की है इसलिए मेरी और मेरे परिवार की जान बच गई.''
#WATCH | Burari building collapse incident, Delhi | A survivor says, "...I had never done any harm to anyone, if I had done that we would have no chance to survive... We had tomatoes that I gave to my kids to quench their hunger and thirst, any father would have done that... I… pic.twitter.com/8PyeulE3fh
— ANI (@ANI) January 31, 2025
टमाटर खाकर मिटाई परिवार ने भूख
पीड़ित ने बताया कि अगर गर्मी का दिन होता तो उनका परिवार जिंदा नहीं बचता. पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि किस तरह उसने और उसके परिवार ने टमाटर खाकर भूख और प्यास मिटाई. उसने कहा कि मैंने बच्चे को टमाटर खिलाकर जिंदा रखा. कोई और पिता होता तो वो भी यही करता. मेरी पत्नी के सिर पर हैमर गिरने वाला था मैंने किसी तरह उसकी जान बचाई. इसके बाद बिजली के पाइप के जरिए आवाज लगाई कि कोई है तो हमें यहां से निकालो. मेरी आवाज एक कर्मचारी तक पहुंची और उसने कहा कि मलबे में और लोग दबे हुए हैं.
उसने बताया कि कर्मचारियों ने हमें निकाला और कब अस्पताल लेकर आए इसका हमें होश नहीं है. बता दें कि कर्मचारियों ने राजेश, उसकी पत्नी गंगोत्री, छह साल के बेटे प्रिंस और तीन साल के बेटे रित्विक को 30 घंटे बाद मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया था.
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